दो सरकारी अस्पतालों में एनेस्थीसिया डॉक्टरों का संकट, ICU और OT का संचालन प्रभावित, सर्जरी पर लगा ब्रेक
बीआरडी और आरएलबी अस्पताल में बेहोशी के डॉक्टर न होने से परेशानी
लखनऊ, अमृत विचार : राजधानी के दो प्रमुख सरकारी अस्पतालों में बेहोशी (एनेस्थीसिया) के डॉक्टरों की कमी है। इससे आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर (ओटी) का संचालन प्रभावित हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि कहीं माइनर सर्जरी बंद करनी पड़ी है तो कहीं आईसीयू शुरू ही नहीं हो पा रहा। अस्पताल प्रभारियों ने बेहोशी के डॉक्टरों की तैनाती के लिए महानिदेशालय को पत्र भेजा है।
महानगर स्थित भाऊराव देवरस संयुक्त चिकित्सालय (बीआरडी) की ओपीडी में रोजाना करीब एक हजार मरीज पहुंचते हैं। प्रतिदिन आठ से 10 मेजर व माइनर ऑपरेशन होते हैं। अस्पताल में पुनर्नियुक्ति पर कार्यरत एकमात्र बेहोशी के डॉक्टर 20 दिन की छुट्टी पर हैं। इससे अस्पताल में माइनर ऑपरेशन बंद हो गए हैं। शुक्रवार को सिजेरियन ऑपरेशन ऑन कॉल विशेषज्ञ बुलाकर कराए गए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रंजीत ने बताया कि बेहोशी के डॉक्टर की तैनाती के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है।
इसी तरह राजाजीपुरम स्थित रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में आईसीयू यूनिट और वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है, लेकिन स्थायी बेहोशी के डॉक्टर के अभाव में आईसीयू का संचालन शुरू नहीं हो पा रहा है। एडी कार्यालय से एक बेहोशी के डॉक्टर को अटैच किया गया है, जिनके माध्यम से ओटी का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा एक डॉक्टर सप्ताह में केवल दो दिन सेवाएं देते हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीलिमा ने बताया कि स्थायी बेहोशी के डॉक्टर की तैनाती के लिए पत्राचार किया गया है।
