राज्यसभा में अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास मिली नोटों की गड्डी, बोले धनखड़- इसकी होगी जांच

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को उच्च सदन में बताया कि बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एंटी सेबोटाज टीम को नियमित जांच के दौरान कांग्रेस के सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली। 

उन्होंने सदन को अवगत कराया कि सीट संख्या 222 के पास मिली नोटों की गड्डी पर आज सुबह तक जब किसी ने दावा नहीं किया तो उन्होंने सदन की परिपाटी का पालन करते हुए इसकी जांच सुनिश्चित की। धनखड़ ने कहा, ‘‘कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने संभवत: सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की। यह सीट फिलहाल तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जांच चल रही है।’’

सभापति ने कहा कि एक गड्डी 500 रुपये के नोटों की है और ऐसा लगता है कि इसमें 100 नोट हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नोट असली हैं या नकली। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा कर्तव्य था और मैं सदन को सूचित करने के लिए बाध्य हूं। यह एक नियमित एंटी सेबोटाज जांच है, जो होती है।’’ 

धनखड़ ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई इन नोटों पर दावा करेगा, लेकिन अभी तक किसी ने दावा नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह अर्थव्यवस्था की उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें लोग भूल नोटों की गड्डी  सकते हैं।’’ इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर हंगामा भी हुआ और इसकी शुरुआत सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से की गई।

 नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मामले की यदि जांच हो रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक सदस्य के नाम को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था। सभापति धनखड़ ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पता करवाया कि उक्त सदस्य बृहस्पतिवार को सदन में आए थे कि नहीं। 

उन्होंने पाया कि उक्त सदस्य ने हस्ताक्षर पुस्तिका (डिजिटल) पर हस्ताक्षर किए थे। धनखड़ ने कहा कि उनके द्वारा उठाया गया कदम ‘न्यूनतम’ है। संसदीय कार्यमंत्री मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सभापति ने सीट संख्या और उस पर काबिज सदस्य का उल्लेख किया है और इसमें किसी को आपत्ति नहीं करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि इसमें (नाम लेने पर) कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सदन में नोटों की गड्डी मिलना उपयुक्त नहीं है। रीजीजू ने कहा, ‘‘आज डिजिटल जमाना है और कोई इतने सारे नोट लेकर नहीं चलता। इसकी जांच होनी चाहिए।’’ सदन के नेता जे पी नड्डा ने इसे असाधारण घटना बताया और कहा कि इसकी प्रकृति ‘बहुत गंभीर’ है। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह पक्ष और विपक्ष के विभाजित होने का मुद्दा नहीं है। यह सदन की गरिमा पर चोट है। सदन के कृतित्व पर प्रश्नचिह्न है।’’ उन्होंने विस्तृत जांच का भरोसा जताते हुए कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। 

नड्डा ने खरगे पर इस मामले की जांच को दबाने का आरोप भी लगाया लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने जांच का कभी विरोध नहीं किया। कुछ देर इस मुद्दे पर हंगामा होने के बाद सभापति ने शून्यकाल की शुरुआत की और सदस्यों ने फिर अपने-अपने मुद्दे उठाए।  

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