चित्रकूट में अजब-गजब मामला: जिसका किया अंतिम संस्कार, वह निकली जिंदा, खबर पढ़कर आप भी पकड़ लेंगे माथा

मायके वालों ने दर्ज कराई थी दहेज हत्या की रिपोर्ट

चित्रकूट में अजब-गजब मामला: जिसका किया अंतिम संस्कार, वह निकली जिंदा, खबर पढ़कर आप भी पकड़ लेंगे माथा

चित्रकूट, अमृत विचार। एक महिला को ससुराल से कुछ लोग अगवा कर ले गए। इसके कुछ दिन बाद एक महिला का शव मिला। मायके वालों ने इसकी तस्दीक अपनी बेटी के रूप में की और पति और अन्य ससुरालीजनों पर दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उधर, ससुरालीजनों ने शव को विवाहिता का होने से इंकार किया और पता लगाते रहे। आखिरकार उनका प्रयास रंग लाया और महिला जीवित मिल गई। 

यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है। इस पूरे मामले में अधिवक्ता, समाजसेवी और पाल महासभा के जिला उपाध्यक्ष विनय कुमार पाल की भूमिका अहम रही। विनय बताते हैं कि मामला मऊ थानांतर्गत एक गांव का है। यहां एक विवाहिता, जिसका मायका रैपुरा थानांतर्गत एक गांव में है, अपनी ससुराल से 26 फरवरी को गायब हो गई। 

ससुरालीजनों ने उसकी खोजबीन की और जब न मिली तो 29 फरवरी को मऊ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उनके समाज का मामला होने की वजह से उनकी भी दिलचस्पी इसमें हुई तो वह भी अपने स्तर से जानकारी करने लगे। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को पहाड़ी थानांतर्गत बाबूपुर गांव के तालाब के पास एक विवाहिता का शव मिला था। 

उधर, गुमशुदा विवाहिता के मायके वालों ने इसकी शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की और 8 मार्च को पति, सास-ससुर समेत कुल 9 लोगों पर बिटिया की दहेज प्रताड़ना और हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इन्होंने इसका पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार भी कर दिया। 

अधिवक्ता विनय बताते हैं कि शव को देखकर पति और अन्य ससुरालीजनों ने इसे उनकी बहू का शव होने से इंकार कर दिया। उधर, पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए तत्पर हो गई। इस पर ससुरालीजनों ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई।

एसपी ने लगाई गिरफ्तारी पर रोक

अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने इनकी बात सुनते हुए पुलिस को गिरफ्तारी न करने के निर्देश दिए। हालांकि थाना पुलिस इन पर यह दबाव डालती रही कि वह शव को अपनी बहू का मान लें। 

डीएनए टेस्ट की कर दी मांग

अधिवक्ता के अनुसार, जब पुलिस का दबाव बढ़ता गया तो परेशान ससुरालीजनों ने एसपी से गुहार लगाई कि डीएनए टेस्ट करा लिया जाए और अगर शव उनकी बहू का निकला तो वे लोग जेल जाने को तैयार हैं।

कौशांबी में मिल गई विवाहिता

अधिवक्ता विनय कुमार पाल बताते हैं कि मामला उनके समाज से जुड़ा होने की वजह से वह पूरे घटनाक्रम में मौजूद रहे। बताया कि ससुरालीजन बहू का पता लगाते रहे और आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई। बीते दिन कौशांबी जिले के धाता रेवई गांव में जीवित बहू मिल गई।

बहू को लाया गया थाने

विनय ने बताया कि इसके बाद इसकी जानकारी एसपी को दी गई। विवाहिता को थाने लाया गया। विवाहिता ने बताया कि उसे गांव का एक केवट जाति का व्यक्ति अगवा कर ले गया था और उसने उसे बेच दिया था। विवाहिता ने इस संबंध में एक युवक पर बाइक से ले जाने, घर में बंधक बनाकर रखने और जेवर ले लेने का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे बाद में एक नेत्रहीन के घर में भी रखा गया।  

अधिवक्ता ने उठाए अहम सवाल

अधिवक्ता विनय कुमार पाल ने पूरे मामले में अहम सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह पूरी सोची समझी साजिश है। पुलिस को यह पता लगाना होगा कि इसके पीछे कौन था। मायकेवालों ने क्यों आननफानन में इसे अपनी बिटिया मान लिया। विवाहिता को किसने किसे बेचा था। पुलिस क्यों पूरे मामले में दबाव बना रही थी। उन्होंने कहा कि अगर एसपी अरुण कुमार सिंह ने पूरे मामले में संजीदगी न दिखाई होती तो आज ससुरालीजन बेकसूर जेल में होते। 

उन्होंने इसके लिए उनका धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को यह भी जांच करनी होगी कि फिर बाबूपुर तालाब के पास मिला शव किसका था। उन्होंने बताया कि इस मामले में तो कई गणमान्य लोगों और राजनीतिक दलों के लोगों  तक ससुरालीजनों की गिरफ्तारी के लिए जोर लगाया गया था। बताया कि अगर ससुरालीजन चाहेंगे तो वह उनकी ओर से इस मामले में कोर्ट में वाद दायर करेंगे और न्याय दिलाएंगे। 

डीएनए टेस्ट भी हो रहा था 

मऊ थाने के क्राइम इंस्पेक्टर और मामले की विवेचना कर रहे अभयराज सिंह ने बताया कि ससुरालीजनों की मांग पर डीएनए टेस्ट की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। एक दो दिन में रिपोर्ट भी आने वाली थी। इसके पहले ही विवाहिता का पता चल गया।

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