पीलीभीत: मुठभेड़ में ढेर आतंकी गुरविंदर ने मां से की थी बात..फिर तीनों के मोबाइल हो गए स्विच ऑफ

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Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। पंजाब और पीलीभीत पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा किए गए एनकाउंटर में मारे गए तीन खालिस्तानी आतंकवादियों गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसनप्रीत के परिवार की मानें तो कि जिस दिन गुरदासपुर की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया गया था, उस वक्त उनके बच्चे (एनकाउंटर में मारे गए आतंकी) घर पर ही थे। नजदीक में ही सभी के गांव है तो आपस में उनकी दोस्ती थी। पंजाब में हुए ग्रेनेड हमले के दूसरे दिन अपने-अपने घर से सामान्य दिनों की तरह ही घर से निकल गए थे। ट्रक पर हेल्परी करने के लिए जाने की बात कह दी थी। आतंकी गुरविंदर ने जरुर  उस दिन अपनी मां से घर से निकलने के बाद बात की थी। उसके पिता ने बताया कि उसने जल्द घर आने को कहा था। मगर उसके बाद से कोई संपर्क नहीं था और तीनों के नंबर स्विच ऑफ बताते रहे थे। फिर सीधे एनकाउंटर में मरने का पता चला। 

जसनप्रीत अशिक्षित, गुरविंदर और वीरेंद्र ने की थी इंटर तक पढ़ाई
मुठभेड़ में मारे गए तीनों खालिस्तानी आतंकवादियों के परिवार के पीलीभीत पहुंचने के बाद उनके बारे में कई जानकारियां निकलकर सामने आई है। तीनों की शिक्षा को लेकर भी जानकारी काफी हद तक स्पष्ट हुई। जिससे एक बात ये भी उजागर होती दिखी कि आर्थिक कमजोर स्थिति और शिक्षा का अभाव उन्हें आसानी से आतंकवाद की राह पर खींच ले गया। परिजन के अनुसार आतंकी जसनप्रीत तो कभी स्कूल ही नहीं गया।  वह अशिक्षित था। जबकि गुरविंदर और वीरेंद्र ने इंटरमीडिएट करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी।

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