पीलीभीत:  दरोगा ने धमकाया, बोला - कर लो समझौता... वरना लिखेगी 307 और SCST एक्ट की FIR, व्यापारी ने लगाई गुहार 

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: विवादित गोदाम को लेकर सगे भाइयों के बीच चल रहे विवाद में कोतवाली के एक दरोगा पर सुलह का दबाव बनाने और धमकाने का आरोप लगा है।  गोदाम की दीवार टूटने के बाद से पन्नी डालकर चौकीदारी कर रहे बुजुर्ग व्यापारी ने कोतवाली पुलिस पर दूसरे पक्ष से सांठगांठ करने का आरोप लगाया है।  उनका कहना है कि हल्का दरोगा ने सुलह का दबाव बनाते हुए धमकाया और कहा कि आपसी सुलह कर लो...नहीं तो जानलेवा हमला और एससीएसटी की रिपोर्ट दर्ज होगी। फिलहाल पुलिस अधिकारियों से पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है। 

शहर के मोहल्ला पूरनमल के निवासी उमेश चंद्र पुत्र स्वर्गीय रामकुमार ने बताया कि उनका छोटा भाई 31 जुलाई 1982 से सम्मिलित व्यापार एवं परिवार में रहता था। जून 2008 में उनका भाई से रिश्तेदारों के समक्ष बंटवारा हो गया था। एक गोदाम पीड़ित व उसके वारिसानों के पास रहने की बात तय हुई थी, जब तब छोटा भाई पीड़ित का हिसाब न कर दे। 

सोलह साल बाद आरोप है कि दूसरे पक्ष की नियत में खोट आ गई। उसने एक झूठा शिकायत पत्र अक्टूबर 2024 में एडीजी बरेली को दे दिया। इसकी जांच सीओ सिटी को दी गई थी, उसमें भी आरोप झूठे पाए गए थे। गोदाम से संबंधित एक वाद 16 अक्टूबर को सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में दायर किया गया। इसमें न्यायालय द्वारा 24 अक्टूबर को कमीशन किया गया। जिसमें पीड़ित का सामान, बिजली मीटर, जीएसटी में दर्ज पाया गया। निषेधाज्ञा प्रार्थना पत्र की  सुनवाई के लिए सात फरवरी 2025 की तिथि नियत है। 

आरोपियों ने 24 जनवरी की रात लाल रंग की ट्रैक्टर ट्रॉली से कुछ लोगों को भेजकर गोदाम की दीवार व गेट गिरवाया और लाखों का सामान चोरी कर लिया। 25 जनवरी को पुत्र राघव कोतवाली गया और तहरीर दी। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कहकर टाल दिया। अरोप है कि पुलिस ने पहले दबाव बनाया कि हादसे की तहरीर दी जाए। 26 जनवरी को बेटे ने कोतवाल को सूचना देने के बाद मरम्मत कार्य शुरू कराया। 

मगर आरोपी पक्ष यूपी 112 पुलिस और हल्का दरोगा को लेकर मौके पर पहुंचकर काम रोकवा दिया।  पुलिस की मौजूदगी में ही बेटे को गोली मारने की धमकी दी गई। इसके बाद बेटे का ही शांतिभंग की आशंका में चालान कर दिया गया। हल्का दरोगा लगातार समझौता करने का दबाव बना रहा है। ये धमकी दी है कि अगर पारिवारिक समझौता नहीं किया तो जानलेवा हमला और एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। व्यापारी का कहना है कि बीते दिनों उनका पुत्र  डीजीपी से न्याय की गुहार लगाने लखनऊ भी गया था। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 

11 दिन से गोदाम की कर रहे चौकीदारी
विवादित गोदाम में हुई चोरी के मामले में भले ही पुलिस घटना को संदिग्ध बता रही हो। मगर, शिकायकर्ता पक्ष अब कोतवाली पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा रहा है। बुजुर्ग उमेश चंद्र अग्रवाल का कहना है 24 जनवरी से लगतार वह गोदाम में रखे लाखों के सामान की रखवाली के लिए सड़क पर ही पन्नी डालकर चारपाई पर बैठ चौकीदारी कर रहे हैं। ये भी कहा कि आरोपी उन पर हमला करा सकते हैं। पुलिस के स्तर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। 

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