दिल्ली की जनता ने ''छल और कपट'' की राजनीति को किया खारिज, बोली कांग्रेस- 2030 में हम करेंगे वापसी

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर जनमत संग्रह करार दिया और कहा कि लोगों ने ‘‘छल और कपट’’ की राजनीति को खारिज किया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत बढ़ा है तथा उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पांच साल बाद कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में लौटेगी।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जनमत संग्रह से ज्यादा कुछ नहीं है। जब 2015 और 2020 में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के चरम पर थी, तब भी आप ने दिल्ली में निर्णायक जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चुनाव नतीजे प्रधानमंत्री की नीतियों पर मुहर नहीं है बल्कि, यह जनादेश अरविंद केजरीवाल की ‘‘छल, कपट और उपलब्धियों के अतिशयोक्तिपूर्ण दावों की राजनीति’’ को खारिज करता है।
रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के शासन में हुए विभिन्न घोटालों को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभाई। दिल्ली के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के बारह वर्षों के कुशासन पर अपना फैसला सुनाया।’’ उनके अनुसार, ‘‘ कांग्रेस को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। हालांकि, पार्टी ने अपने वोट शेयर में वृद्धि की है। कांग्रेस का चुनाव अभियान शानदार था। पार्टी विधानसभा में भले ही जीत नहीं दर्ज कर पायी हो ,लेकिन दिल्ली में उसकी मजबूत उपस्थिति बनी हुई है, जिसे लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के निरंतर प्रयासों से और मजबूत किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि 2030 में दिल्ली में फिर से कांग्रेस सरकार बनेगी। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘तथाकथित उदारवादियों के एक वर्ग का पतन पूरी तरह से विचित्र है। उन्होंने आप को विपक्षी एकता पर ये व्याख्यान तब नहीं दिया जब एक पार्टी चुनाव लड़ने और सांप्रदायिक विरोधी, धर्मनिरपेक्ष वोटों को कमजोर करने के लिए गोवा, गुजरात, हरियाणा आदि में गई थी।’’ उनके अनुसार, दिल्ली चुनाव परिणाम उस ‘भीतर घात करने वालों’ की अस्वीकृति है जिसने पूरे देश में उदारवाद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।
दिल्ली के जनादेश को स्वीकारते हैं, लोगों के अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वह दिल्ली के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करते हैं तथा आगे उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी की प्रगति तथा दिल्लीवासियों के अधिकारों की लड़ाई जारी रखेगी। बता दें कि एक बार फिर कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोल नहीं सकी।
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दिल्ली का जनादेश हम विनम्रता से स्वीकार करते हैं। प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके समर्पण और सभी मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदूषण, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध, दिल्ली की प्रगति और दिल्लीवासियों के अधिकारों की यह लड़ाई जारी रहेगी।’’
जनादेश हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं, विकास के मुद्दे उठाते रहेंगे: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दिल्ली का जनादेश पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है, लेकिन वह इसे स्वीकारते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस दिल्ली में विकास के मुद्दे उठाती रहेगी और जनता के साथ जुड़ी रहेगी। खरगे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जनहित में सत्ता के ख़िलाफ़ माहौल बनाया, पर जनता ने हमें उम्मीद के अनुरूप जनादेश नहीं दिया। हम जनमत को स्वीकारते हैं।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के हर एक नेता और कार्यकर्ता ने एकजुट होकर, विपरीत परिस्थितियों में मेहनत की, पर अभी और कड़ी मेहनत और संघर्ष की आवश्यकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में हम दिल्ली में प्रदूषण, यमुना की सफ़ाई, बिजली, सड़क, पानी और विकास के मुद्दों को उठाते रहेंगे और जनता से जुड़े रहेंगे।’’
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