बरेली: एसपी ट्रैफिक की हत्या कोशिश के मामले में तीन सिपाहियों समेत चार दोषी करार
बरेली,अमृत विचार। हाईवे पर उगाही करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद तत्कालीन एसपी ट्रैफिक कल्पना सक्सेना की हत्या की कोशिश करने के 15 साल पुराने मामले में एंटी करप्शन कोर्ट के स्पेशल जज सुरेश कुमार गुप्ता ने सिपाही रावेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, मनोज कुमार और उनके मददगार ऑटो चालक धर्मेंद्र को दोषी करार दिया।
चारों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। सजा 24 फरवरी को सुनाई जाएगी। तीनों सिपाही उस वक्त ट्रैफिक पुलिस में ही तैनात थे। घटना के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। कल्पना सक्सेना अब गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में एडिशनल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।
तत्कालीन एसपी कल्पना सक्सेना ने ही इस मामले में थाना कैंट में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सरकारी वकील मनोज वाजपेयी के मुताबिक कल्पना सक्सेना ने इसमें कहा था कि दो सितंबर 2010 को उन्हें गोपनीय सूचना मिली थी कि ट्रैफिक पुलिस के कुछ सिपाही थाना कैंट क्षेत्र में फरीदपुर रोड मजार के पास हाईवे पर ट्रकों को रोककर अवैध वसूली कर रहे हैं।
वह अपनी सरकारी गाड़ी से शाम सवा पांच बजे मौके पर पहुंची तो पाया कि फरीदपुर की तरफ से आने वाले कुछ ट्रक सड़क किनारे खड़े थे। सड़क के दूसरी तरफ मजार के पास सफेद मारुति कार खड़ी थी। कुछ लोग कार में बैठे थे और कुछ उसके पास खड़े थे।
अपनी गाड़ी ट्रकों की आड़ में खड़ी कर वह अपने हमराह और ड्राइवर के साथ पैदल कार के नजदीक पहुंची तो कार में पिछली सीट पर सिपाही रविंद्र और रावेंद्र बैठे देखा। एक की नजर उन पर पड़ी तो उसने चिल्लाते हुए ड्राइविंग सीट पर बैठे सिपाही मनोज से उन्हें मारकर भागने के लिए कहा। वह जैसे ही उन्हें पकड़ने आगे बढ़ीं, मनोज ने कार स्टार्ट कर उनके ऊपर चढ़ाने की कोशिश की।
उन्होंने एक साइड होकर चलती कार में ही एक हाथ अंदर डालकर मनोज की गर्दन पकड़ ली और कार रोकने को कहा लेकिन उसने कार नहीं रोकी। रविंद्र ने उनके हाथ पकड़ लिए और सिर पर वार करने शुरू कर दिए। मनोज से उन्हें कार से कुचल देने को कहा।
मनोज ने कार बरेली की तरफ दौड़ा दी। एसपी को वे लोग करीब दो सौ मीटर तक घसीटते ले गए। इस बीच कार को आड़ातिरछा दौड़ाकर उन्हें कई बार कुचलने की कोशिश की। फिर भी सफल नहीं हुए तो धक्का देकर छोड़ दिया। सड़क पर गिरकर घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑटो ड्राइवर धर्मेंद्र सिपाही रविंद्र का सगा भाई है जो मौके पर ट्रकों को रोकने और पैसे लेने का काम कर रहा था।
पुलिस ने इस मामले में हत्या की कोशिश, वसूली और एंटी करप्शन एक्ट की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के बाद चारों सिपाहियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन की ओर से 14 गवाह पेश किए गए।
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