मैदान छोड़ पहाड़ के जंगलों में नए आशियाने की ओर बढ़ रहे बाघ
नैनीताल, अमृत विचार: आमतौर पर मैदानी इलाकों में पाए जाने वाले बाघ अब पहाड़ों के जंगलों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। विशेष रूप से नैनीताल जिले के नौकुचियाताल, बग्गड और आसपास के अन्य क्षेत्रों में बाघों की बढ़ती उपस्थिति देखी जा रही है। कई बार वन विभाग के ट्रैप कैमरों में बाघ की तस्वीरें भी कैद हो चुकी हैं। इस बढ़ती उपस्थिति को विभागीय अधिकारी एक सुखद संकेत मान रहे हैं, क्योंकि यह पहाड़ों के जंगलों में जैव विविधता को बढ़ावा देने वाला है।
वन्यजीव प्रेमी कपिल के अनुसार, पहले तराई और भाबर क्षेत्र के जंगलों में रहने वाले बाघ अब पहाड़ों के जंगलों को अपना आशियाना बना रहे हैं। इसकी दो प्रमुख वजहें हैं, पहला नंधौर क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि और उनके आपसी संघर्ष के कारण, और दूसरा पहाड़ों के जंगलों में आसान शिकार और पर्याप्त भोजन की उपलब्धता। नौकुचियाताल और नैनीताल के आसपास के जंगलों में बाघों की मौजूदगी को ट्रैप कैमरों और पगमार्क के माध्यम से चिन्हित किया जा रहा है।
नौकुचियाताल के सिलौटी, गांजे, चनौती और खैरोला के जंगलों में वन विभाग के ट्रैप कैमरों में सबसे ज्यादा सांभर दिखे हैं, जो बाघ का पसंदीदा भोजन होता है। इसके अलावा, क्षेत्र में जलस्रोत की पर्याप्तता और सूरज की रोशनी मिलने से बाघों को यहां रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान मिल रहा है।
नंधौर क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ने के साथ संघर्षों में भी वृद्धि हो रही है, जिसके कारण कुछ कमजोर बाघ नौकुचियाताल के जंगलों में पहुंच रहे हैं। यहां उन्हें शिकार, पानी और सुरक्षा की पर्याप्त सुविधाएं मिल रही हैं। पूर्व में सातताल के जंगल में भी बाघ देखा गया था, और अब नौकुचियाताल के सिलौटी, जंगलियागांव और शिमाला क्षेत्र में बाघ की लोकेशन की पहचान कई बार हो चुकी है। इस प्रकार, पहाड़ों में बाघों की बढ़ती उपस्थिति और उनके लिए उपयुक्त आशियाने का मिलना एक सकारात्मक संकेत है, जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
नंधौर से सटा है नौकुचियाताल का जंगल
नैनीताल: नौकुचियाताल क्षेत्र का जंगल जमरानी, अमिया, डहरा, अमृतपुर, काठगोदाम होते हुए नंधौर क्षेत्र से सटा हुआ है। वन विभाग का अनुमान है कि नंधौर क्षेत्र के बाघ नौकुचियाताल के जंगल की ओर मूवमेंट करना पसंद कर रहे हैं। डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि नौकुचियाताल क्षेत्र में समय-समय पर बाघ की तस्वीर कैद हो रही है। कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। जिन क्षेत्रों में बाघ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है वहां ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। बाघों की मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही है।
जंगलों के आसपास 140 सोलर लाइटें लगाई
नैनीताल: नैनीताल, भवाली और बडौन रेंज के जंगलों में बाघ की लगातार उपस्थिति दर्ज हुई है। मानव वन्य जीवन संघर्ष के मामले भी तेजी से बड़े हैं। इस दौरान बाघों को रेस्क्यू भी क्षेत्र के जंगलों से किया गया है। जिन क्षेत्रों में बाघ की लोकेशन लगातार मिल रही है उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जंगल के रास्ते से घर आने जाने में किस तरह से व्यवहार करना है, उसके लिए गाइड किया जा रहा है। इसके अलावा जंगलों के आसपास 140 सोलर लाइट भी लगाई गई हैं, ताकि रात्रि के दौरान बाग को देखा जा सके और ग्रामीणों पर खतरा न बढ़े।
