पीलीभीत: तराई से टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- एग्रीकल्चर हड़ताल बनेगी देश का मुख्य आंदोलन
पीलीभीत, अमृत विचार। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मंगलवार को तराई की धरती से हुंकार भरी। कहा कि देश में बोलने की आजादी खत्म होती जा रही है। कैमरा-कलम पर बंदूक का पहरा है। यह देश आंदोलन और जनता के संगठित होने से बचेगा। उन्होंने सिखों के उत्पीड़न की बात कहते हुए कहा कि हम कभी पुलिस प्रशासन के खिलाफ नहीं बोलते, इसका मतलब यह नहीं कि हम कमजोर हैं। यहां के अधिकारी रवैया सुधार लें, वरना यहां पहला धरना 72 घंटे का होगा।
राकेश टिकैत मंगलवार को शहर स्थित मंडी समिति परिसर में भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मंडी एक तरह से किसानों का प्लेटफार्म है जो तीन काले कानून आए थे, उसमें मंडी को खत्म करने का भी प्रावधान था। तीन काले कानून तो वापस ले लिए, मगर सरकार एक मसौदा लेकर आई है, जिससे मंडी धीरे-धीरे खत्म होगी। मंडी में अनाज नहीं आएगा, मंडी का रेवेन्यू खत्म हो जाएगा और धीरे-धीरे मंडी खत्म हो जाएगी। कहा कि लोगों को खेती से हटाकर उनको मजदूर बनाने की साजिश चल रही है। उन्होंने किसान, मजदूर, युवाओं को संगठित होने का आह्वान करते हुए कहा कि जमीन बचाने के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने तराई में सिख समाज के उत्पीड़न की बात कहते हुए कहा कि सिख समाज के लोग जो तराई क्षेत्र में है, उनको अलग-अलग नाम से संबोधित किया जाता है। सिख परिवारों ने यहां पर जंगल तोड़े, उनकी तीन-तीन पीढ़ियां यहां पर खपीं। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि तराई के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से यहां पर जमीनें छीनने को कोशिश चल रही है, उससे मुकाबला करने की जरूरत है। कहा कि जिस तरह पट्टे कैंसिल किए जा रहे हैं, जिस तरह से किसानों की जमीन छीनी जा रही है, इसके लिए एक दिन मुकाबला होगा। एक दिन देश में किसान हड़ताल पर जाएगा और एग्रीकल्चर हड़ताल देश का मुख्य आंदोलन बनेगा।
सिटी मजिस्ट्रेट को दिया 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
महापंचायत के दौरान ही स्थानीय पदाधिकारियों ने किसानों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देने की बात कही। कुछ ही देर बाद सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, मंडी सचिव सुभाष सिंह के साथ महापंचायत में पहुंच गए। मंच पर पहुंचते ही राष्ट्रीय प्रवक्ता ने उन्हें अपनी करीब बैठा लिया और फिर डीएम को संबोधित 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। आढ़ती संघ के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय प्रवक्ता को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहीं मंडल अध्यक्ष सतविंदर सिंह काहलो ने चांदी का मुकुट पहनाया।
जो ट्रैक्टरों को रोकेगा, उसी के घर के बाहर धरने पर बैठेंगे
उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों के ट्रैक्टरों को रोके जाने का हवाला देते हुए कहा कि अगर यहां से लोग ट्रैक्टर से जाना चाहते हैं तो अधिकारी उन पर पूरा शिकंजा कसते हैं। जो अब ट्रैक्टरों को रोकने की कोशिश करेगा तो उसी के घर के बाहर धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन तो होंगे। बगैर ट्रैक्टर के आंदोलन नहीं होगा। ट्रैक्टरों को मजबूत रखो, कब-कहां आंदोलन में ट्रैक्टर की जरुरत पड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।
संगठन मजबूत करने को आपस में रखें मेलजोल
उन्होंने किसानों से कहा कि संगठन को मजबूत करने के साथ आपस में मेलजोल रखें और अपने आंदोलन को भी तेज करें। नशे से दूर रहते हुए खर्च भी कम करें। झगड़े भी आपस में निपटाने का काम करें। शादी व्याह में भी खर्च कम करें। यह जो दवाओ को इस्तेमाल कर रहे हो, उसको कम कर दो। पैदावार को घटा दो। क्योंकि जब उत्पादन अधिक होगा, तो बिकेगा नहीं और फिर उसके लिए आंदोलन करना पड़ेगा। जमीन बचाने के लिए आंदोलन अभियान की तरह चलाना होगा।
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