भारत की शहजादी को अबू-धाबी में दे दी फांसी, कल होंगी दफ्न 

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Published By Muskan Dixit
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झुलसे चेहरे वाली एक गरीब लड़की का, प्लास्टिक सर्जरी का अधूरा सपना 

अमृत विचार: भारत की शहजादी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फांसी दे दी गई। कल-पांच मार्च को उन्हें दफ्न किया जाएगा। शहजादी खान के पिता शब्बीर खान ने बेटी को बचाने के लिए विदेश मंत्रालय के हस्ताक्षेप की मांग वाली जो याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी-उसके जवाब में केंद्र सरकार ने कोर्ट में ये जानकारी दी। पंद्रह दिन पहले ही शहजादी की सांसें थम चुकी थीं, लेकिन इधर बूढ़े पिता अपनी संघर्षशील बेटी को बचाने की जद्दोजहद में लगे थे। शहजादी का शव भी भारत नहीं आ सकेगा। पांच मार्च को उनके अंतिम संस्कार (दफ्न) की तारीख तय है।

कौन थी ये शहजादी

शहजादी खान यूपी के जिला बांदी की रहने वाली थीं। आठ साल की उम्र में रसोई में पानी गर्म करने के दौरान एक हादसा हो गया। जिसमें उनका चेहरा झुलस गया था। इस हादसे ने शहजहादी की जिदंगी बदल दी। वह जिंदगी में इतना पैसा कमाना चाहती थीं कि अपने चेहरे का इलाज करा सकें। इसी जुनून में यूएई पहुंच गईं। ताकि यहां से पैसा कमाकर अपनी प्लास्टिक सर्जरी कराएंगी। लेकिन यहां भी उनके मुकद्दर में एक हादसा लिखा था। 

शहजादी के भरोसे का कातिल उजैर!

रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2020 में शहजादी की पहचान आगरा के उजैर से हुई। उजैर ने शहजादी का भरोसा जीता। झुलसे चेहरे के साथ उसे अपनाने की उम्मीद दिखाई। शहजादी उसके झांसे में फंसती गईं। उसने यूएई में अपनी फूफूी नाजिया के घर जॉब का अच्छा ऑफर दिया। उजैरे के एतबार और नौकरी से कमाई के सहारे शहजादी ने जिदंगी में एक साथ बड़े बदलाव की सूरत देखी तो वह यूएई जाने को राजी हो गई। लेकिन लेकिन उसे क्या खबर थी कि उजैर उसका सौदा कर रहा है। उसे मौत के मुंह में ढकेल रहा है।  

33 साल की शहजादी खान दिसंबर 2021 में यूएई पहुंच गईं। उनकी नियोक्ता या कहें मालकिन नाजिया अबू-धाबी की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। उनके घर जॉब करने लगीं। धीरे-धीरे शहजादी के प्रति नाजिया फैमिली का रुख बदल गया। शहजादी का जी उचटने लगा। लेकिन इस बीच नाजिया ने उनका पासपोर्ट ले लिया। अब वह यहां से कहीं दूसरी जगह भी नहीं जा सकती थीं। नाजिया के घर में रहना उनकी मजबूरी बन गया। इस बीच अगस्त 2022 में प्रोफेसर नाजिया को एक बेटा हुआ। शहजादी ही उस बच्चे की देखभाल करती थीं। लेकिन चार महीने के बाद दिसंबर में शहजादी की जिंदगी में बड़ा तूफान तब आया, जब बच्चे की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक सात दिसंबर को नियमित टीकाकरण के बाद रात में बच्चे की मौत हो गई और उसकी मौत का इल्जाम शहजादी का सिर आ गया। 

तब से शहजादी अबू धाबी की अल वथवा जेल में कैद थीं। उन्हें फांसी की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी थी। घरवाले बेटी को बचाने की कोशिश में लगे थे। लेकिन कोई मजबूत पकड़ या इतनी धन-दौलत नहीं थी कि शहजादी तक उनकी मदद पहुंच पाती। शहजादी के पिता शब्बीर खान ने बेटी की कानूनी स्थिति जानने और उसे बचाने में हस्ताक्षेप की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को शहजादी की स्थिति की जानकारी दी। 

धमकी देकर बयान रिकॉर्ड  

शहजादी खान ने करीब डेढ़ साल पहले फोन पर अपने परिवार से बातचीत की थी। घरवालों को बताया कि उन्हेांने हत्या नहीं की। बल्कि बच्चे की मौत के दबाव जबरन उन पर जुल्म करके एक वीडियो कुबूलनामा लिया गया। जिसमें मजबूर होकर मुझे स्वीकार करना पड़ा था कि हां-मैंने हत्या की है।

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