Kanpur IIT को पूर्व छात्रों ने दिए 2.5 करोड़; पुर्नमिलन के दौरान देखा परिसर, कनपुरिया जायके चखकर लगाए ठहाके
1965 के छात्रों ने ‘पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड' के लिए किया ऐलान
कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर की क्लास ऑफ 1965 के छात्रों ने ‘पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड' के लिए 2.5 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है। पूर्व छात्रों ने चार दिनी प्रवास के दौरान संस्थान परिसर का भ्रमण किया और कनपुरिया जायके चखे। संस्थान के बाहर जाकर पुरानी यादें ताजा की।
आईआईटी कानपुर का पायनियर बैच (क्लास ऑफ 1965) अपना रीयूनियन मना रहा है। पायनियर बैच ने पुनर्मिलन के दौरान जुटाई गई 2.5 करोड़ रुपये की राशि को संस्थान में पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड की स्थापना के लिए देने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार आईआईटी कानपुर में मौलिकता और रचनात्मक प्रतिभा को बढ़ावा देने के संस्थान की स्थापना के दृष्टिकोण के अनुरूप अग्रणी अनुसंधान और नवाचार को मान्यता देता है।
‘पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड’ के नए संस्करण में उन व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा जिनके योगदान ने शिक्षा जगत, उद्योग और समाज को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। इस दौरान हुए समारोह में आईआईटी के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी के पायनियर बैच, क्लास ऑफ 1965 ने संस्थान की विभिन्न पहलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
'पायनियरिंग रिसर्च एंड इनोवेशन अवार्ड' शोधकर्ताओं, विद्वानों और नवप्रवर्तकों की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। संस्थान के डीन ऑफ रिसोर्सेज एंड एलुमनाई प्रो. अमेय करकरे ने कहा कि क्लास ऑफ 1965 की डायमंड जुबिली रीयूनियन वास्तव में एक विशेष मील का पत्थर है। पूर्व छात्रों के संस्थान में अमूल्य योगदान के लिए आभारी हैं।
