Bareilly: कॉपी-किताबें ही नहीं स्टेशनरी का सामान भी हुआ महंगा, अभिभावकों की अब जेब और होगी ढीली

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार : कापी किताबें ही नहीं स्टेशनरी का सामान भी महंगा हो गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार 15 से 20 फीसदी दामों में इजाफा हो गया है। इससे अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ गया है। अधिकांश निजी स्कूलों में पहले ही चिह्नित पुस्तक विक्रेताओं की सूची अभिभावकों को थमा दी गई है।

स्केच पेन का पैकेट पिछले वर्ष 60 रुपये में मिलता था, अब 90 रुपये में मिल रहा है। जिस कलर बॉक्स की कीमत 90 रुपये थी, उसके भी दाम बढ़ चुके हैं। वह अब 130 रुपये में मिल रहा है। पिछले वर्ष जो स्कूल बैग 500 से 600 रुपये में था, अब वह 800 से 1000 रुपये में है। पैंसिल का पैकेट पहले 30 से 40 रुपये में मिलता था, अब 50 से 60 रुपये में मिल रहा है। ज्योमेट्री बॉक्स पहले 110 से 135 तो अब 140 से 170 रुपये में मिल रहा है। रबर के दाम भी बढ़े हैं।

पुस्तक विक्रेता मनीष कुमार का कहना है कि स्टेशनरी का सामान ऊपर से ही महंगा आ रहा है, इसलिए उन्हें भी महंगा बेचना होगा। डीआईओएस डा. अजीत कुमार का कहना है कि अगर कोई स्कूल चिह्नित दुकान से कापी किताब या अन्य सामान खरीदने के लिए दबाव बनाता है तो कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई शिकायत करता है तो उसका नाम गोपनीय रखकर पुस्तक विक्रेता के यहां निरीक्षण किया जाएगा।

इस बार भी एक तो कोर्स महंगा, दूसरी ओर स्टेशनरी के दाम भी काफी बढ़ गए हैं। सब जानने के बाद भी स्कूलों की फीस, कोर्स और स्टेशनरी आदि के दाम को नियंत्रित करने के लिए अधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे हैं- आरती, अभिभावक।

पिछले साल की तुलना में इस बार कॉपी-किताबें जहां 25 फीसदी तक महंगी हुई, वहीं स्टेशनरी के दामों में भी 15 से 20 फीसदी इजाफा हुआ है। अधिकारियों को इसे रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए- अंकित गुप्ता, अभिभावक।

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