पीलीभीत में कस्तूरबा गांधी विद्यालय का निर्माण, छात्राओं को मिलेगा मुफ्त रहन-सहन और शिक्षा

Amrit Vichar Network
Published By Preeti Kohli
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पीलीभीत, अमृत विचार: बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद बालिकाओं को मिडिल शिक्षा के लिए शहर आना पड़ता था। उन्हें किराये पर कमरा लेकर रहना पड़ता था। ऐसे में अधिकतर बालिकाएं अपनी पढ़ाई को अधर में ही छोड़ देती थी। इसको देखते हुए अब सरकार ने जनपद में तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है।

इन विद्यालयों में पढ़ाई के साथ उनके रहने खाने की व्यवस्था भी होगी। ताकि वह अपनी शिक्षा बेहतर ढंग से कर सके। इसका संचालन बेसिक शिक्षा विभाग अपने स्तर से करेगा। टेंडर प्रक्रिया होने के बाद इनका काम भी शुरु करा दिया गया है। अफसरों का कहना है कि आगामी शैक्षिक सत्र में इनका संचालन किया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को अधिक लाभ मिलेगा।

बता दें कि जनपद में नौ कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें अब तक प्राइमरी से लेकर कक्षा आठ तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। इन विद्यालयों में पढ़ाई के साथ उनके रहने खाने की व्यवस्था होती है। इसका जिम्मा बेसिक शिक्षा विभाग के पास है। इसमें पढ़ने वाली छात्राओं को पढ़ाई के साथ रहने-खाने की सुविधा भी नि: शुल्क मिलती है।

कक्षा आठ पास करने के बाद आगे पढ़ने के लिए फिर छात्राओं को यहां से जाकर अन्य विद्यालय में प्रवेश लेना पड़ता है। कई बार छात्राओं को नजदीक तो कई बार दूर विद्यालय तक जाना पड़ रहा था। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय को ही उच्चीकृत किए जाने की आवश्यकता महसूस हुई। इसको लेकर जिले में तीन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय बनाने का प्रस्ताव पास किया गया है। इस विद्यालय में कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाएं संचालित होंगी। यह विद्यालय उन एरिया में लगेगा, जहां विद्यालय नहीं होंगे।

इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जगह चिन्हित कर ली गई है। यह विद्यालय मरौरी ब्लॉक में माला कॉलोनी जूनियर हाईस्कूल परिसर, ललौरीखेड़ा ब्लॉक में खमरिया पुल और बीसलपुर डायट परिसर में बनेगा। इन सभी स्थानों पर एक एकड़ जगह का चयन किया गया।

जहां विद्यालय बनेंगे। एक विद्यालय के दो करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। बजट मिलते ही कार्यदायी संस्था को टेंडर करने के साथ ही पहली किस्त के रुप में धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। जिस पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इन स्कूलों के संचालित होने से बालिकाओं को भटकना नहीं पड़ेगा। अब अपने घर के नजदीक में ही रहकर पढ़ाई पूरी कर सकेगी।

100 बालिकाओं के रहने की होगी सुविधा
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का स्ट्रक्चर कुछ तरह तैयार किया गया है। जिसमें करीब 100 बालिकाओं के रहने की सुविधा होगी। इस भवन में कक्षाओं के अलावा प्रथम तल पर उनके ठहरने के लिए हॉस्टल आदि बनाया जाएगा। साथ ही वार्डन और अन्य स्टाफ के लिए भी कमरे बनाए जा रहे हैं। ताकि वह वहां रहकर अपनी नौकरी कर सके। भवन में करीब 24 कमरे बनाए जाएंगे।

भवन निर्माण पूरा होने के बाद फर्नीचर और अन्य सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी। इसका संचालन माध्यमिक शिक्षा विभाग नहीं बल्कि बेसिक शिक्षा विभाग करेगा। इन तीन विद्यालयों के बनने से 300 बालिकाओं को लाभ मिलेगा। विभागीय लोगों की मानें तो अभी और भी कॉलेज बनना है। जिनका प्रस्ताव चल रहा है। जिन पर जल्द ही स्वीकृति मिल सकती है।

जनपद में तीन आवासीय विद्यालय बनाए जा रहे हैं। जहां इंटरमीडिएट तक की कक्षाएं संचालित होंगी। टेंडर प्रक्रिया होने के बाद काम भी शुरू करा दिया गया है। यह भवन इस वर्ष पूर्ण कर लिए जाएंगे। उम्मीद है कि नए शैक्षिक सत्र 2026-27 में इनका संचालन किया जाएगा- मनीष श्रीवास्तव, जिला समन्वयक कस्तूरबा विद्यालय

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