CM ममता ने नीम की लकड़ी चोरी करने के आरोप को 'निराधार' बताया, बांग्ला भाषी लोगों पर हमलों की निंदा की

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को उन आरोपों को "निराधार और मनगढ़ंत" बताया, जिनमें कहा गया था कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर से बची हुई पवित्र नीम की लकड़ी का इस्तेमाल दीघा में नवनिर्मित मंदिर की मूर्तियों को बनाने में किया गया था। बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों पर हमलों की खबरों को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है। 

बनर्जी ने ओडिशा में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान किए जाने के "चिंताजनक चलन" की भी निंदा की और कहा कि उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पड़ोसी राज्य के उनके समकक्ष के साथ इस मामले को उठाने का निर्देश दिया है। बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में कहा, "हम चोरी की गई नीम की लकड़ी का उपयोग क्यों करेंगे? हमारे पास नीम की लकड़ी के अपने स्रोत हैं। ये आरोप पूरी तरह से निराधार और अस्वीकार्य हैं।"

उन्होंने कहा, "वे सिर्फ इसलिए इतने नाराज क्यों हैं क्योंकि हमने दीघा में जगन्नाथ मंदिर बनाया है? क्या पश्चिम बंगाल में भगवान जगन्नाथ की पूजा करना अपराध है?" उन्होंने कहा कि यह प्रतिक्रिया राजनीति से प्रेरित है। इससे एक दिन पहले पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा एक वरिष्ठ सेवक से 12वीं शताब्दी के पुरी मंदिर के लिए बची हुई पवित्र लकड़ी का दीघा मंदिर के लिए मूर्तियां बनाने में कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने के संबंध में पूछताछ की थी।

अधिकारियों के अनुसार, प्रभावशाली 'दैतापति निजोग' के सचिव रामकृष्ण दासमोहपात्र को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। यह सेवकों का एक संगठन है जिसे पारंपरिक रूप से भगवान जगन्नाथ का अंगरक्षक माना जाता है। दासमोहपात्र ने 30 अप्रैल को दीघा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की कथित तौर पर देखरेख की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भी शामिल हुई थीं। इस बीच, बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को ओडिशा में निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, "जिस तरह ओडिशा के प्रवासी श्रमिक बंगाल में शांतिपूर्वक काम करते हैं, उसी तरह बंगाल के लोग भी ओडिशा में काम करते हैं। मुझे परेशान करने वाली खबरें मिली हैं कि वहां केवल बांग्ला बोलने वालों पर भी हमला किया जा रहा है। यह अत्यंत निंदनीय है।" बनर्जी ने कहा, "हमारे डीजीपी इस संबंध में ओडिशा के अपने समकक्ष से बात करेंगे। हम अपने लोगों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

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