कासगंज: बाढ़ विभीषिका से पटियाली तहसील के गांवों को बचाने की कवायद
गंजडुंडवारा, अमृत विचार। हर साल बारिश के दौरान गंगा का रौद्र रूप तटवर्ती गांवों के लिए दहशत का सामना कराता है। ग्रामीणों को बाढ़ के कारण होने वाले कटान से आपदा का सामना करना पड़ता है। इस साल फिर बाढ़ की विभीषिका में कोई गांव भस्म नहीं हो, इसके लिए सिंचाई विभाग कटान व बाढ़ से प्रभावित संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कवच तैयार करने में जुटा है।
ये कार्य मानसून से पहले जून माह मे पूर्ण हो जाएगा। पटियाली तहसील क्षेत्र में शायद ऐसा कोई साल गया हो, जब बरसात के दिनों मे गंगा किनारे बसे गांव में बाढ़ से तबाही न मची हो। हर साल बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियां पानी में बहती देखी जाती है। इस साल बाढ़ की तबाही का दंश ग्रामीणों को न झेलना पड़े, इसको लेकर सिचांई विभाग लगभग 13 करोड़ से गांव कादरगंज, बरी बगवास और सुनगढ़ी में कटान निरोधक कार्य कर रहा है।
यह कार्य मानसून से पहले ही पूर्ण हो जाएगा। जिससे गंगा किनारे बसे कई गांवों की 21000 से अधिक आबादी को राहत मिलेगी। यहां बन रहा सुरक्षा कवच गत वर्ष गंगा के रौद्ररूप ने कटरी के कई गांव में तांडव मचाया था। इसकी पुर्नावृत्ति न हो इसलिए सिंचाई विभाग ने फूलप्रूफ प्लान तैयार किया है।
जिसके बाद कादरगंज मे 315, बरी बगवास में 522 व सुन्नगढ़ी में 537 मीटर लम्बे कटान निरोधी तटबंध बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में रेत भरे पीपी बैग, जियो बैग, नायलॉन व गैवियन क्रेटस का उपयोग किया जा रहा है। जिससे बाढ़ के दौरान गंगा की तेज धार से होने वाले कटान को रोका जा सके।
कई गांव होंगे सुरक्षित
यह तटबंध गांव के सुरक्षा कवच बन बाढ़ की विभीषिका से कई गांवों के बचाव में सहायक सिद्ध हो सकते है।जिसमे कादरगंज,इन्दा,मिहौला,नगरिया,नैथरा,नगला खंदारी, कैथोला,बैतुलिया,बरोना,तरसी, निबिया सहित कई गांवों के लिए यह ढाल का कार्य करेगा।
सिंचाई विभाग सहायक अभियंता पंकज कुमार ने बताया कि बाढ़ से बचाव कोशासन से स्वीकृति अनुसार पटियाली क्षेत्र के कादरगंज,बरी बगबास व सुन्न गढी मे कटावरोधी कार्य कराए जा रहे है। जिससे संबंधित क्षेत्र के गांवों को बाढ़ व कटान से सुरक्षामिल सकेगी।
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