बिना द्रोण कैसे बनेंगे अर्जुन, कोच के बिना सूना पड़ा खेल मैदान

Amrit Vichar Network
Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार: जिले में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें तराशने वाला 'द्रोणाचार्य' यानी प्रशिक्षक ही मौजूद नहीं है। कई खेलों में स्थायी प्रशिक्षक न होने से युवा खिलाड़ी दिशा और मार्गदर्शन के अभाव में अपनी प्रतिभा को पूरी तरह निखार नहीं पा रहे हैं। बिना प्रशिक्षक के न तो तकनीकी प्रशिक्षण मिल पा रहा है और न ही प्रतियोगिता की तैयारी हो पा रही है। खेलप्रेमी अभिभावकों और खिलाड़ियों ने जिला खेल विभाग से कई बार कोच की नियुक्ति की मांग की है। यदि जल्द ही प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई, तो जिले की प्रतिभाएं अन्य जिलों या निजी प्रशिक्षण संस्थानों का रुख करने पर मजबूर होंगी। खेल विभाग कान्ट्रैक्ट खेल प्रशिक्षकों के बलबूतों पर चल रहा है। प्रशिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से हर वर्ष 15 अप्रैल से शुरू होने वाले खेल कैंप अब तक शुरू नहीं हो सके हैं। 

जिले में लगे थे 12 क्षेत्रों में कैंप
वर्ष 2024-25 में खेल विभाग की ओर से जिले के 12 क्षेत्रों में कैंप शुरू किए गए। इसमें हल्द्वानी स्टेडियम में सात, गौलापार अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में सात, रामनगर में तीन, नैनीताल में पांच, ऊंचापुल में दो कैंप शुरू किए गए। इसके अलावा काठगोदाम राजकीय इंटर काॅलेज, कटघरिया, कालाढूंगी, ओखलकांडा, देवलचौड़ खाम में खिलाड़ियों के लिए कैंप लगाए गए। इन खेल कैंपों में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए 32 कान्ट्रैक्ट खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई। वहीं, इस वर्ष शुरू होने वाले विभिन्न खेल कैंपों के लिए करीब 450 से अधिक फार्म जिला खेल कार्यालय से बिक चुके हैं।,लेकिन खिलाड़ियों के साथ ही कान्ट्रैक्ट खेल प्रशिक्षकों को भी नहीं पता की आखिर कैंप कब शुरू हो सकेंगे। नए खेल कैंप शुरू करने को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वहीं, मिनी स्टेडियम में मात्र दो फुटबॉल व ताइक्वांडो के कोच ही स्थायी तौर पर नियुक्त हैं। बाकी अन्य 32 कान्ट्रैक्ट प्रशिक्षकों की नौकरी अस्थायी तौर पर चल रही है। 

इन खेलों के चलते हैं कैंप
फुटबॉल के पांच, बाक्सिंग के तीन, बास्केटबाल के तीन, क्रिकेट के तीन, एथलेटिक्स के तीन, हाकी के दो, बैडमिंटन के दो कैप चलाए जाते हैं। वहीं, एक-एक कैंप जु-जित्सु, वुशू, वॉलीबॉल, तैराकी, साइकिलिंग, ताइक्वांडो, टेबल टेनिस, खो-खो, सेपक टकरा, हैंडबाल के कैंप चलते हैं।

जिले में कान्ट्रैक्ट खेल प्रशिक्षकों को रखने के लिए खेल निदेशालय में आख्या रिपोर्ट भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले में खेल कैंपों का आयोजन शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में तैराकी खेल का कैंप लगा हुआ है। वरुण बेलवाल, उपजिला क्रीड़ाधिकारी।