भारत में 46 करोड़ लोग कर रहे डिजिटल भुगतान, सरकारी आकड़ों में आया सामने

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Published By Anjali Singh
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दिल्ली। भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और लेन-देन की इस क्रांति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के 11 साल पूरे होने पर जारी एक पुस्तिका में कहा गया है कि भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों से जुड़ गई है। इसमें कहा गया, ''भारत में डिजिटल भुगतान क्रांति ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। 

मार्च 2025 में, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर लगभग 24.77 लाख करोड़ रुपये के 1,830.151 करोड़ यूपीआई लेनदेन किए गए।'' यूपीआई प्रणाली का उपयोग अब करीब 46 करोड़ व्यक्ति और 6.5 करोड़ व्यापारी करते हैं। सरकार ने बताया कि छोटे से छोटे लेनदेन के लिए भी डिजिटल भुगतान किया जा रहा है, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत को छोटे या अत्यधिक छोटे भुगतान के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के बारे में पुस्तिका में कहा गया कि मोदी सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राजकाज में भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रभावी रूप से प्रौद्योगिकी और डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में डीबीटी और आधार प्रमाणीकरण की शुरूआत से लाखों फर्जी लाभार्थियों की पहचान और सरकार के लिए भारी बचत हुई है। 

सरकार ने डीबीटी के माध्यम से 2015 से मार्च 2023 के बीच लाभ के वितरण के कारण 3.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है। पिछले 11 वर्षों के दौरान, करोड़ों परिवारों को बैंक खाते, बीमा सहित सबसे बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच मिली है। पुस्तिका के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में 55.22 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं, जबकि 51 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के दायरे में लाया गया है। 

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