बाराबंकी में कब्जे के विरोध पर बंदूक लहरा कर दौड़ाया : कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज
बाराबंकी, अमृत विचार : कुछ साल पहले खरीदी गई जमीन देखने आए युवक को बंदूक लहराते हुए दौड़ा लिया गया। वहीं खेत में लगी फसल भी दबंग उठा ले गए। पुलिस में सुनवाई न होने पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली तब जाकर उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई।
लखनऊ के इंदिरानगर थाना अंतर्गत अमराई गांव निवासी ज्ञानेन्द्र यादव के पिता ने वर्ष 1979 में सतरिख थाना क्षेत्र के ग्राम गिरहापुरवा मजरे सुल्तानपुर में स्थित भूमि विधिक बैनामा के माध्यम से खरीदी थी। आरोप है कि विपक्षियों ने एक महिला को मृत खातेदार राजदेई के नाम पर खड़ा करके फर्जी वसीयत तैयार करवाई और उपनिबंधक कार्यालय हैदरगढ़ से वर्ष 2002 में कूट रचना कर दस्तावेज पंजीकृत करा लिया। इसके बाद वर्ष 2006 में नवाबगंज उपनिबंधक कार्यालय से फर्जी बैनामा के जरिए जमीन पर दोबारा कब्जा करने की कोशिश की गई।
आरोप है कि 30 अप्रैल को जब ज्ञानेन्द्र यादव अपने खेत में लगे सरसों की फसल देखने पहुंचे तो विपक्षी वहां फसल काटते मिले। विरोध करने पर हरिनाथ नामक व्यक्ति ने लाइसेंसी राइफल से जानलेवा हमला किया और अन्य लोगों ने हथियारों से दौड़ा लिया। वह किसी तरह जान बचाकर भागा। हमलावर फसल भी जबरन उठा ले गए। उसने तत्काल थाना सतरिख में शिकायत दी और उसके बाद पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री को भी रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ज्ञानेन्द्र का कहना है कि विपक्षियों के राजनीतिक प्रभाव के चलते पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
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