पीलीभीत: मरीज की मौत का मामला...परिवार ने दी खुदकुशी की चेतावनी, मृत को जिंदा बताकर रुपये ऐंठने का है आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान युवक की मौत के मामले में नया मोड़ आया है। अभी तक दोनों पक्षों के बीच सुलह की चर्चाएं तेज हो रही थी। जिन पर विराम लग गया है। मृतक के भाई की ओर से सीएमओ से शिकायत की गई है। जिसमें न्याय न मिलने पर खुदकुशी करने की चेतावनी दी है।

कोतवाली पूरनपुर क्षेत्र के ग्राम चांट फिरोजपुर के रजहने वाले रामू पुत्र प्रेमराज ने सीएमओ को दिए शिकायती पत्र में बताया कि चार जुलाई को उनके भाई विष्णु का एक्सीडेंट हो गया था। जिसके बाद चोटिल अवस्था में भाई को मेडिकल कॉलेज से माधोटांडा रोड पर रेलवे क्रासिंग के पास के एक निजी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था। वहां के चिकित्सक ने ऑरपेशन के लिए एक लाख  रुपये जमा करने को कहा। परिवार की आर्थिक कमजोर स्थिति के चलते कृषि भूमि गिरवी रखकर दो घंटे बाद अस्पताल में एक लाख रुपये जमा करा दिए।

चार दिन बाद भी डॉक्टर ने ऑपरेशन नहीं किया। जब परिजनों द्वारा आईसीयू में मरीज को देखा तो उन्हें अनहोनी का संदेह हुआ। परिजनों ने घटना के बारे में डॉक्टर से कहा। उसी समय डॉक्टर ने आरोपों से बचने के लिए भाई विष्णु के मृत शरीर को बरेली रेफर कर दिया। जैसे ही बाहर लेकर आए तो एंबुलेंस चालक ने भी मृत होने की बात कहते हुए बरेली ले जाने से मना कर दिया। आरोप लगाया कि दो तीन दिन से मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में आरोप लगाया कि मौत पहले ही हो चुकी थी और भाई को आईसीयू में रखकर सिर्फ रुपये ऐंठे जा रहे थे। परिवार ने न्याय न मिलने पर विधानसभा के बाहर खुदकुशी करने की चेतावनी दी है। 

सीएमओ के निर्देश पर गठित हो चुकी है जांच टीम
बता दें कि इस मामले में सुनगढ़ी पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा चुकी है। हालांकि मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। बिसरा जांच के लिए सुरक्षित किया जा चुका है। इधर, सीएमओ डॉ.आलोक कुमार के निर्देश पर तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित किया गया है।जिसे पूरे प्रकरण की जांच दी गई है। फिलहाल मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

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