SGPGI में पहली बार Percival Valve तकनीक से हुई सर्जरी, 70 वर्षीय मरीज को मिली नई जिंदगी

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : संजय गांधी पीजीआई संस्थान में दिल के मरीजों के लिए बड़ी राहत की शुरुआत हुई है। यहां पहली बार पर्सीवल वाल्व तकनीक से सर्जरी कर 70 साल के मरीज को नई जिंदगी देने में कामयाबी मिली है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली संस्थान की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. वरुणा वर्मा प्रदेश की पहली महिला कार्डियक सर्जन बन गई हैं।

डॉ. वरुणा वर्मा ने बताया बिहार के चम्पारण निवासी 70 वर्षीय मरीज लंबे समय से सांस फूलने और सीने में दर्द से परेशान थे। जांच में एओर्टिक वाल्व खराब मिला। डॉक्टरों ने पर्सीवल वाल्व लगाया और अब मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है। उन्हें फिलहाल आईसीयू में विशेष निगरानी में रखा गया है। 

पर्सीवल वाल्व तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. वरुणा वर्मा ने बताया पर्सीवल वाल्व तकनीक टांकों (स्यूचर) के बिना वाल्व लगाने की प्रक्रिया है। इससे ऑपरेशन का समय कम लगता है और मरीज जल्दी स्वस्थ होता है। सामान्य प्रक्रिया में जहां वाल्व लगाने में 30 मिनट तक लगते हैं, वहीं पर्सीवल वाल्व सिर्फ 5 मिनट में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। उन्होंने बताया यह तकनीक यूरोप और अमेरिका में कई वर्षों से अपनाई जा रही है। 

भारत में भी कुछ बड़े हृदय संस्थानों में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है। अब एसजीपीजीआई में भी यह सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को बड़ा लाभ मिलेगा। वहीं संस्थान की ओर से दावा किया गया कि दुनिया में महिला कार्डियक सर्जन सिर्फ 8 प्रतिशत हैं, भारत में यह संख्या और भी कम, केवल 2.6 प्रतिशत ही है। डॉ वरुणा वर्मा ने उत्तर प्रदेश में पर्सीवल वाल्व तकनीक से सर्जरी कर नया इतिहास रचा है।

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