Bareilly: आजम खान के करीबियों के दो बरातघर ध्वस्त...भारी हंगामे के बीच की BDA ने कार्रवाई
बरेली, अमृत विचार। सपा नेता आजम खां के करीबियों सरफराज वली खान और राशिद खान के दो बरातघरों को बरेली विकास प्राधिकरण की टीम ने मंगलवार को ध्वस्त कर दिया। बीडीए ने 14 साल पहले जारी ध्वस्तीकरण के आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई की है। इस दौरान भारी विरोध और हंगामे के बीच ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रही। बरातघर स्वामियों ने भी बीडीए की कार्रवाई पर ऐतराज जताया, लेकिन पुलिस ने सभी को समझाकर हटा दिया।
बरेली विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को सूफी टोला स्थित सरफराज वली खान के गुड मैरिज और राशिद खान के एवान-ए-फरहत बरातघर के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आखिरकार मंगलवार को दोपहर में शुरू कर दी। बीडीए की टीम न पहुंचने से दोनों बरातघरों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सोमवार को नहीं शुरू हो सकी थी। अवैध निर्माण के रूप में चिह्नित सूफीटोला में स्थित दोनों बरातघरों के बाहर मंगलवार को सुबह 10 बजे से भारी पुलिस फोर्स जुटना आरंभ हो गई थी, लेकिन बरेली विकास प्राधिकरण की टीम दो बुलडोजर के साथ दोपहर करीब एक बजे पहुंची।
बुलडोजर को देखते ही बरातघर के ऊपर बने आवासों से महिलाएं बाहर निकलकर कार्रवाई का विरोध करने लगीं, जबकि कुछ महिलाएं बुलडोजर के आगे खड़ी हो गईं और बीडीए पर कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप भी लगाए। महिला पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने पर महिलाओं को पड़ोस के आवास में भेजा गया। इसके बाद भी महिलाएं और युवक छत पर खड़े होकर कार्रवाई रोकने की गुहार लगाते रहे। विरोध के बावजूद दोपहर करीब दो बजे दोनों बुलडोजर एवान फरहत बरातघर के अंदर प्रवेश कर गए और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। जो कि देर शाम पांच बजे तक भी जारी रही। इस मौके पर बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार, सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव भी लगातार मौके पर मोर्चा संभाले रहे।
संयुक्त सचिव, बीडीए दीपक कुमार ने बताया कि एवान ए फरहत और गुड लाइफ मैरिज हाल का प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत नहीं कराया गया है। इसके चलते पूर्व में नोटिस भी जारी किया गया है। नियमानुसार दोनों बरातघरों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है।
अक्तूबर 2011 में हुआ था ध्वस्तीकरण आदेश
बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार के अनुसार अक्तूबर 2011 में इन दोनों बरातघरों को अवैध करार देते हुए बीडीए ने नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था, लेकिन 14 साल बीतने के बाद अब अचानक कार्रवाई होने से इलाके के लोगों ने कार्रवाई पर सवालिया निशान भी लगाए।
