Ayodhya News: रुदौली सीएचसी के पास ही मिलीं अवैध पैथोलॉजी, चार और सील... साकेतपुरी में लैब संचालक बोर्ड उखाड़कर भागा

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

अयोध्या, अमृत विचार : जिले में फर्जी और अवैध पैथोलॉजी लैब के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। पांच स्थानों पर छापा मारकर चार पैथोलॉजी सेंटरों को सील कर दिया गया, जबकि नगरनिगम क्षेत्र के साकेतपुरी में एक लैब संचालक अपना बोर्ड उतारकर फरार हो गया। कार्रवाई में रुदौली सीएचसी से 50 मीटर की दूरी पर चलने वाली दो अवैध पैथोलॉजी भी शामिल हैं। लगातार हो रही कार्रवाई से अवैध पैथोलॉजी संचालित करने वालों में हड़कंप है।

रिकाबगंज स्थित लाल पैथ लैब की मुख्य शाखा द्वारा एसपी देहात बलवंत चौधरी को गलत मेडिकल रिपोर्ट देने के बाद सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बानियान के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच अभियान चला रही है। देवकाली स्थित स्मार्ट बाजार के निकट मंगलवार को एक पैथोलॉजी निरीक्षण के दौरान अनाधिकृत पाई गई। इसे सील कर दिया गया। वहीं रुदौली में सीएचसी के निकट निरीक्षण के दौरान टीम जय मां डायग्नोस्टिक एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंची। यहां की डायग्नोस्टिक लैब पूरी तरह से अनाधिकृत थी, जिसे सील करा दिया गया। बगल ही डायनो लैब के नाम से एक पैथोलॉजी संचालित थी। वह डायनो से अपना एमओयू नहीं दिखा सका। उस पर भी टीम ने कार्रवाई करते हुए सील कर दिया। इसके बाद शुजागंज बाजार में पब्लिक पैथ लैब भी गैर-कानूनी तरीके से मरीजों की जांच कर रही थी। लैब में न तो योग्य पैथोलॉजिस्ट था और न ही क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन। इसे भी सील किया गया। टीम ने रुदौली के मटौली गांव में एक झोलाछाप का फर्जी क्लीनिक भी सील कर दिया। इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत मिली थी। टीम में नोडल नैदानिक स्थापना अधिकारी डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, झोलाछाप के नोडल डॉ. राजेश चौधरी, एआरओ सद्दाम हुसैन और पटल सहायक शशिकांत तिवारी शामिल रहे।

अवैध लैब में मिल रहे बड़ी मात्रा में ब्लड सैंपल

अवैध रूप से संचालित हो रही लैब में जांच मशीन हो या न हो, लेकिन ब्लड सैंपल बड़ी मात्रा में मिल रहे हैं। झोलाछाप के नोडल डॉ.राजेश चौधरी ने बताया कि हम जिस भी सेंटर को सील कराते हैं। वहां ब्लड सैंपल भी मिलते हैं। सील करने के साथ ही संचालकों को हिदायत दी जाती है कि वे मरीजों को फोन कर अलग लैब में सैंपल देने के लिए कहें, ताकि उन्हें असुविधा न हो।

पैथोलॉजी में टॉयलेट अनिवार्य, रेडिएशन सेफ्टी के हों इंतजाम

-स्वास्थ्य विभाग के मानक न पूरे करने वाली लैब अवैध

जिले में अवैध पैथोलॉजी लैब के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि बिना निर्धारित मानकों के कोई भी पैथोलॉजी लैब वैध नहीं मानी जाएगी। एसीएमओ व नैदानिक स्थापनों के नोडल अधिकारी डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि जहां यूरिन टेस्ट हो रहा हो, वहां मरीजों की सुविधा के लिए टॉयलेट होना अनिवार्य हैं। बिना टॉयलेट के लैब मानी नहीं जा सकती। इसके अलावा प्रत्येक छोटी बड़ी पैथोलॉजी के लिए जगह भी निर्धारित है।

अगर उससे कम जगह में पैथोलॉजी है तो वह अवैध मानी जाएगी। क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत पैथोलॉजी सेंटर में कई अनिवार्य सुविधाएं होनी चाहिए। इनमें बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की समुचित व्यवस्था, अगर एक्स-रे मशीन है तो रेडिएशन सेफ्टी के सभी उपाय और सबसे जरूरी प्रशिक्षित एवं योग्य स्टाफ शामिल हैं। बिना डिग्री वाले या सिर्फ सीखकर आए व्यक्ति पैथोलॉजी में काम नहीं कर सकते। लैब में कम से कम एक डिग्रीधारी पैथोलॉजिस्ट होना जरूरी है। लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन और बड़े प्रोसीजर के लिए ओटी टेक्नीशियन भी रखना अनिवार्य है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर पैथोलॉजी के बाहर एक बड़ा बोर्ड लगा होना चाहिए, जिसमें लैब में कार्यरत पैथोलॉजिस्ट व अन्य डॉक्टरों के नाम, उनकी डिग्री और विजिटिंग समय स्पष्ट लिखा हो। स्टाफ की योग्यता का भी उल्लेख जरूरी है। इसके अलावा प्रदूषण, फायर सेफ्टी व बॉयोमेडिकल वेस्ट की एनओसी भी प्रत्येक पैथोलॉजी में होनी जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि मानक पूरा न करने वाली सभी पैथोलॉजी लैब को जल्द ही सीज किया जाएगा। मरीजों से अपील की गई है कि जांच कराने से पहले लैब का रजिस्ट्रेशन, डॉक्टरों का बोर्ड और सुविधाएं जरूर जांच लें।


अवैध रूप से पैथोलॉजी संचालित नहीं होने दी जाएगी। टीमें अभी जांच अभियान चलाएंगी। पैथोलॉजी में टॉयलेट होना अनिवार्य है। यूरिन टेस्ट कराने में मरीजों को सहुलियत मिलती है।

-डॉ. सुशील कुमार बानियान, सीएमओ

संबंधित समाचार