रामपुर : नवनिर्मित इंटरचेंज पर एक सप्ताह में फर्राटा भरेंगे वाहन
10.190 किमी. फोरलेन पर खर्च हुए 188 करोड़ रुपये
रामपुर, अमृत विचार। जीरो प्वाइंट पर नवनिर्मित इंटरचेंज पर एक सप्ताह के भीतर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे। शहर की ओर आने वाले मार्ग का चौड़ीकरण का काम भी पूरा हो गया है और इंटरचेंज चालू करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा अंतिम टेस्टिंग होनी बाकी है। नए साल से पहले रामपुर और उत्तराखंड जाने वाले पर्यटकों को इसके चालू होने के बाद बड़ी राहत मिलेगी। रामपुर में प्रवेश से पहले जाम और अव्यवस्था से नहीं जूझना पड़ेगा।
मुरादाबाद और बरेली की ओर से उत्तराखंड जाने वाले वाहनों की राह को आसान करने के लिए नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा रामपुर में एक फोरलेन बाईपास का काम लगभग पूरा हो चुका है। इनमें दो बड़े इंटरचेंज बनाए गए हैं, जो शहर को जाम मुक्त बनाने में मददगार साबित होंगे। जीरो प्वाइंट से दुर्गनगला तक फोरलेन बाईपास पर वाहन फर्राटा भरने लगे हैं, इसमें जीरो प्वाइंट पर नवनिर्मित इंटरचेंल भी एक सप्ताह में चालू होने जा रहा है। जबकि मुरादाबाद-बरेली हाईवे स्थित सिहोरा बाजे पंजाब-हरियाणा ढाबे से कोयला जाने वाले बाईपास पर काम तेजी से चल रहा है। एनएचएआई ने बाईपास के दोनों प्रोजेक्ट पर 428 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जीरो प्वाइंट से शहजादनगर दुर्गनगला फोरलेन मार्ग पर कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है।
वहीं हाईवे स्थित सिहोरा बाजे पंजाब-हरियाणा ढाबे से कोयला तक फोरलेन मार्ग 31 मार्च 2026 तक पूर्ण होने का लक्ष्य है। एनएचएआई के सहायक अभियंता गुरविंदर सिंह ने बताया कि जीरो प्वाइंट से शहजादनगर दुर्गनगला तक 10.190 किमी. फोरलेन पर 188 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जो मुरादाबाद और बरेली से आने वाले वाहनों को जीरो प्वांइट इंटरचेंज से नैनीताल हाईवे को जोड़ेगा। जो इसी एक सप्ताह में टेस्टिंग के बाद चालू हो जाएगा। इंटरचेंज का मार्ग का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, इसमें रामपुर शहर की ओर से चौड़करण का कार्य कराया गया है। वहीं मुरादाबाद-बरेली हाईवे स्थित सिहोरा बाजे पंजाब-हरियाणा ढाबे से कोयला के लिए 13.7 किमी. फोरलेन पर 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके चालू होने के बाद उत्तराखंड जाने वाले वाहनों को शहर से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा। अभी तक मुरादाबाद-बरेली हाईवे से नैनीताल रोड होते हुए वाहन निकलते हैं। ऐसे में गर्मियों की छुट्टियों में उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या के साथ शहर में वाहनों का दबाव कम होगा। अधिकारियों के अनुसार दोनों फोरलेन 2025 की शुरुआत में शुरू होने थे, लेकिन बरसात के मौसम में कोसी नदी में बाढ़ आने के कारण कार्य बाधित रहा, इसके चलते लक्ष्य का समय भी बढ़ा दिया गया था। जिसके बाद हाईवे स्थित सिहोरा बाजे पंजाब-हरियाणा ढाबे से कोयला तक फोरलेन मार्ग 31 मार्च 2026 तक पूर्ण होने का समय दिया गया है।
बाईपास के फोरलेन व इंटरचेंज के निर्माण का काम लगभग पूरा हो गया है। दुर्ग नगला इंटरचेंज वाहनों के लिए खोल दिया गया है, जबकि जीरो प्वाइंट पर इंटरचेंज को एक सप्ताह में टेस्टिंग के बाद खोल दिया जाएगा। जबकि पंजाब-हरियाणा ढाबा से कोयला तक 13.70 किमी मार्ग 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। - गुरविंदर सिंह, सहायक अभियंता, एनएचएआई।
