लता चौक से रामपथ पर ई-रिक्शा पर प्रतिबंध... बिना सत्यापन के बाहरी महिलाएं सड़क पर बेच रही सामान, जानें क्या बोले सीओ
श्रीराम अस्पताल से रेलवे स्टेशन रोड पर चलना मुहाल
सीओ ने कहा, किराए की नई सूची, चालकों के नाम, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड पुलिस को सौंपे जाए तभी मिलेगी अनुमति
अयोध्या, अमृत विचार : अयोध्या में लता चौक से रामपथ जाने वाले मार्ग पर ई-रिक्शा के प्रवेश पर रोक लगाए जाने के विरोध में ई-रिक्शा चालकों ने गुरुवार को प्रदर्शनकर विरोध जताया। सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी से वार्ता के बाद कुछ शर्तों पर ई रिक्शा चलाने की अनुमति मिली।
कृष्णानंद फाउंडेशन ई-रिक्शा यूनियन के संस्थापक मुकुंद माधव त्रिपाठी के नेतृत्व में करीब 300 ई-रिक्शा चालक पदयात्रा करते हुए कोतवाली अयोध्या पहुंचे। कोतवाली प्रभारी पंकज सिंह के आश्वासन पर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सीओ अयोध्या से मिला। लगभग आधे घंटे की वार्ता के बाद यह तय हुआ कि नई रेट सूची के साथ चालकों का नाम, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड की सूची प्रशासन को सौंपी जाएगी। यही चालक इस मार्ग पर ई रिक्शा चला सकेंगे। मौके पर राहुल यादव, ओम पांडेय, नफीस नारायण दूबे, लालजी, कुलदीप आदि मौजूद रहे।
तीन किमी. का रामपथ, अतिक्रमण से लथपथ
यह श्रीराम अस्पताल से अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन जाने वाला प्रमुख मार्ग है। रेलवे स्टेशन उतरने वाले यात्री इसी मार्ग का प्रयोग कर राम मंदिर पहुंचते हैं। रामपथ होकर जाने वाले इस मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है। यही से अतिक्रमण का जाल बुना हुआ दिखाई देता है। सड़क के दोनों ओर ठेले-रेहड़ी वालों का कब्जा है तो वहीं ई रिक्शा वाहन ने सड़क को और संकरी कर रखा है।
श्रीराम जन्मभूमि पथ के सामने
राम मंदिर प्रवेश के प्रमुख द्वार श्रीराम जन्मभूमि पथ के सामने सड़क पर पटरी दुकानदारों द्वारा बेतहाशा अतिक्रमण किया गया है। सड़क पर सामान बेचना, गेट के सामने ही ठेला व खोमचा लगाना आम बात हो गई। रही सही कसर गोल्फकार्ट व पिंक ऑटो वाले पूरी कर देते हैं। यहां पर तो फुटपाथ पर जाने के लिए लोगों को रास्ता ढूंढना पड़ता है। यहां पर काफी संख्या में बाहरी महिलाएं सामान बेचती दिखती हैं।
सीन नंबर-तीन : फुटपाथ बनीं पार्किंग
दंतधावन कुंड तिराहे के पास फुटपाथ पर स्थानीय दुकानदारों ने पार्किंग बना रखा है। यहां पर रोजाना लाइन से बाइक खड़ी रहती है। बाकी कसर स्थानीय दुकानदार पूरी कर देते हैं, फुटपाथ पर ही कुर्सी-मेज लगाकर नाश्ता आदि देना, मेज अदि रख सामान रखना आदि आम बात है। इससे लोगों को न सिर्फ परेशानियों का सामना करना पड़ता है अपितु मजबूरन सड़क पर पैदल चलना पड़ता है।
नहीं बचा चलने का रास्ता
हनुमानगढ़ी चौराहे के पास कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा इस कदर कब्जा कर लिया गया है कि फुटपाथ चलने की जगह ही नहीं बची है। स्थानीय दुकानदारों ने खिलौने व अन्य सामान को इस तरह रखा है कि यहां पर एक-दो फुट ही जगह बची है। यही नहीं फुटपाथ की रेलिंग व इस पर प्रवेश करने वालों पर भी पटरी दुकानदार दुकान सजाए बैठें हैं।
रामनगरी के केंद्र में श्रीराम अस्पताल से लता चौक तक करीब तीन किमी. का रामपथ भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए स्वागत द्वार माना जाता है, जो आज अतिक्रमण में बुरी तरह जकड़ा हुआ है। फुटपाथ पर अवैध दुकानों, बाइक स्टैंड और बाहरी ठेला-खोमचा वालों के कब्जे में है। स्थानीय लोग इसे रामपथ नहीं, अतिक्रमण पथ कहने लगे हैं।
रामपथ के दोनों ओर बने चौड़े फुटपाथ, जिन्हें पैदल यात्रियों और श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए डिजाइन किया गया था, इन पर पटरी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। फल, चाट-पकौड़ी, कपड़े, खिलौने, पूजा सामग्री से लेकर मोबाइल एक्सेसरीज तक हर तरह का सामान बिना अनुमति सड़क किनारे बिक रहा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अधिकांश ठेले और खोमचे बाहरी राज्यों की महिलाएं चला रही हैं, जिनकी कोई पहचान या सत्यापन नहीं हुआ है।
स्थानीय दुकानदारों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। अपनी दुकानों के आगे फुटपाथ को निजी बाइक स्टैंड में तब्दील कर दिया गया है। दोपहिया वाहन इस तरह खड़े किए जाते हैं कि पैदल चलने वाला व्यक्ति सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाता है। इससे न सिर्फ जाम की स्थिति बनती है, बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बढ़ गया है। स्थानीय निवासी विनीत गुप्ता ने बताया कि रामपथ बनने से पहले भी यही हाल था। थोड़े दिन प्रशासन ने साफ-सफाई की, फिर सब पहले जैसा हो गया। अब तो श्रद्धालु भी परेशान हैं।
राम मंदिर पर ध्वजारोहण समारोह से पहले प्रशासन की सख्ती के चलते अचानक सभी पटरी दुकानदार गायब हो गए थे। रामपथ एकदम चकाचक दिख रहा था। फुटपाथ खाली थे, कोई अतिक्रमण नहीं था। लेकिन जैसे ही वीवीआईपी का दौरा खत्म हुआ, अगले ही दिन से फिर वही दृश्य लौट आया। अब तो पहले से ज्यादा ठेले और दुकानें सज गई हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए की जाती है। सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी ने बताया कि समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। जल्द ही अभियान चलाकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
