4 करोड़ से अधिक किसानों को मिला निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड, विश्व मृदा दिवस पर कृषि मंत्री ने शुरू किया ‘धरती माता बचाओ अभियान’

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Published By Muskan Dixit
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मिट्टी की सेहत ही जीवन और कृषि उत्पादन का आधार है : सूर्य प्रताप शाही

मृदा की सेहत सुधारने के लिए एक लाख क्विंटल हरी खाद बीज वितरण का लक्ष्य

लखनऊ, अमृत विचार : ‘विश्व मृदा दिवस’ के अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर प्रदेश में ‘धरती माता बचाओ अभियान’ की शुरुआत की। उन्होंने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से स्वस्थ, लचीली और टिकाऊ कृषि व्यवस्था के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि मिट्टी की सेहत ही जीवन और कृषि उत्पादन का आधार है, और यदि इसकी गिरावट जारी रही तो वर्ष 2050 तक पृथ्वी की हरियाली गंभीर संकट में पड़ सकती है। उन्होंने ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्या’ मंत्र का उल्लेख करते हुए पृथ्वी व मानव के संबंध पर बल दिया।

कृषि मंत्री शुक्रवार को निदेशालय में मृदा स्वास्थ्य एवं प्रबन्धन विषयक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 से लागू मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल चार करोड़ सात लाख किसानों को निःशुल्क कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें 2015–2021 के बीच 3.77 करोड़ किसान तथा 2022–2025 के दौरान 30.6 लाख किसान शामिल हैं। वर्तमान में प्रदेश की 260 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें से 59 एनएबीएल प्रमाणित हैं। उन्होंने किसानों से केवल आवश्यक मात्रा में खाद-पानी के प्रयोग तथा गौ-आधारित प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मृदा परीक्षण के आधार पर 2023–2025 में जीवांश कार्बन, नत्रजन तथा बोरान में सुधार दर्ज हुआ है, जबकि जिंक, आयरन और मैगनीज की कमी पर चिंता व्यक्त की गई। इस स्थिति को सुधारने के लिए एक लाख क्विंटल हरी खाद बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पीएम-प्रणाम योजना के माध्यम से किसानों को जिप्सम, जैव उर्वरक और ऑर्गेनिक खादों के उपयोग के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

उन्होंने आईआईटी दिल्ली के 2024 के अध्ययन का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के 30 प्रतिशत भूभाग में मिट्टी की उर्वरकता घट रही है, जो खाद्यान्न सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी है। जिसके लिए टिकाऊ भूमि प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, मल्चिंग और माइको स्प्रिंकलर तकनीक अपनाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख सहित कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने मॉडल प्रस्तुत किए और किसानों को विभिन्न तकनीकों के बारे में जागरूक किया। मृदा परीक्षण का लाइव प्रदर्शन भी किया गया। 
प्रतियोगिता में विजेताओं—अमन दुमका, कृष्णानंद यादव, अमन थापा, गोविंद प्रसाद रौनियार—को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए 338 प्रगतिशील कृषक और 182 तहसीलों के तकनीकी सहायकों ने भाग लिया तथा धरती माता बचाओ अभियान का समर्थन किया।

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