यूपी बना स्टार्टअप का नया पावरहाउस: 76 इनक्यूबेशन सेंटर बने युवा उद्यमिता के नए आधार, ये है योगी सरकार का अलगा टारगेट
लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश में नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इनक्यूबेशन इकोसिस्टम तैयार हुआ है। वर्ष 2017 से पहले जहां प्रदेश में केवल 12–15 इनक्यूबेशन सेंटर सक्रिय थे, वहीं आज 76 इनक्यूबेशन सेंटर युवाओं को विचार से उद्योग तक पहुंचने में सहायता दे रहे हैं। शासन का लक्ष्य हर जिले में कम से कम एक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित कर उसे 100 की संख्या तक पहुंचाना है।
इनक्यूबेशन सेंटर नए विचारों को सफल स्टार्टअप में बदलने का मंच प्रदान करते हैं। यहां युवा उद्यमियों को एक ही स्थान पर तकनीकी मार्गदर्शन, कानूनी सलाह, निवेशकों तक पहुँच, प्रशिक्षण, बाजार से जुड़ाव और संरचनात्मक सुविधा उपलब्ध होती है। इससे स्टार्टअप की शुरुआती चुनौतियां बहुत हद तक कम होती हैं और सफलता की संभावना बढ़ती है। पिछले आठ वर्षों में इन सेंटरों से जुड़े हजारों युवाओं ने कृषि तकनीक, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। कई स्टार्टअप न केवल रोजगार सृजित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय समस्याओं के समाधान भी प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है और छोटे शहरों के युवा भी बड़े मंच तक पहुंच पा रहे हैं।
स्टार्टअप विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और सरकार की नीतियों ने युवाओं को जोखिम लेने का आत्मविश्वास दिया है। सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करना है। योगी सरकार का स्पष्ट मानना है कि नवाचार और तकनीक आधारित उद्यम ही भविष्य की अर्थव्यवस्था का आधार बनेंगे, और इनक्यूबेशन सेंटर उसी दिशा में विकास के अग्रदूत की भूमिका निभा रहे हैं।
