नगर निगम में नियुक्त बांग्लादेशी-रोहिंग्या ! महापौर की सख्ती के बाद 160 से अधिक सफाईकर्मी गायब... नहीं दे पाए NRC के दस्तावेज
लखनऊ, अमृत विचार : महापौर की सख्ती के बाद नगर निगम में काम कर रहे 160 से अधिक सफाईकर्मी गायब हैं। ये कर्मचारी खुद को आसाम का निवासी बता रहे थे लेकिन एनआरसी के कागज मांगे जाने के बाद से 15 दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। इनके बांग्लादेशी-रोहिंग्या होने की संभावना है। ये कर्मचारी नगर निगम के जोन 1, 3, 4, 6 और जोन 7 में कूड़ा प्रबंधन देख रही लखनऊ स्वच्छता अभियान (एलएसए) कंपनी के माध्यम से सफाईकर्मी का काम कर रहे थे। नगर निगम में बांग्लादेशी-रोहिंग्याओं की उपस्थिति की आशंका को देखते हुए महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों को कार्यदाई संस्थाओं को नोटिस जारी करके काम कर रहे सफाईकर्मियों के दस्तावेज जांचने के निर्देश दिए थे।
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महापौर ने चेक किये थे सफाईकर्मियों के दस्तावेज
महापौर ने पिछले महीने एलएसए कंपनी के गोमती नगर स्थित कार्यालय पर अचानक छापेमारी करके कर्मियों के दस्तावेज चेक किए थे। कई कर्मचारी खुद को आसाम का बता रहे थे। जिस पर महापौर ने उनसे एनआरसी के कागज मांगे। कई कर्मचारी दस्तावेज नहीं दिखा पाए थे। इसके बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। खुद को आसाम का बता रहे लगभग 1300 कर्मचारियों ने एनआरसी के कागज जमा कर दिए। वहीं कई लोग एनआरसी का कागज बनवाने की बात कहकर चले गए और वापस लौटकर नहीं आए हैं।
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विभिन्न जोनों में काम कर रहे लगभग 160 सफाईकर्मी एनआरसी का दस्तावेज नहीं दिखा सके और गायब हो गए हैं। इनके बांग्लादेशी-रोहिंग्या होने की आशंका है। जबकि 1300 कर्मचारियों ने एनआरसी के दस्तावेज दे दिए हैं।
अभय रंजन, प्रोजेक्ट हेड लखनऊ स्वच्छता अभियान (एलएसए)
