योगी सरकार का ‘सुरक्षित सड़क मिशन’ तेज... यूपी के परिवहन ढांचे में आएगा ये बड़ा बदलाव
हाई रिस्क जिलों में इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक निगरानी
लखनऊ, अमृत विचार : सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार ने अब जमीनी बदलाव की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर परिवहन विभाग और यातायात निदेशालय ने अत्याधुनिक तकनीक आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारियों को हरी झंडी दे दी है। मुख्य सचिव की बैठक में कई महत्वपूर्ण पूंजीगत और राजस्व योजनाओं को मंजूरी मिल गई है।
इस कवायद से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी और ट्रैफिक अनुशासन में बड़े सुधार की उम्मीद की जा रही है। राजधानी सहित अन्य प्रमुख शहरों में ट्रैफिक मॉनिटरिंग को डिजिटल रूप देने के प्रयास तेज हैं। लखनऊ के महत्वपूर्ण चौराहों पर इंटीग्रेटेड सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 4.96 करोड़ रुपये, जबकि मुरादाबाद और बलिया में 3.10 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन कैमरों से न केवल नियम उल्लंघन की निगरानी होगी, बल्कि शहरों में रीयल-टाइम ट्रैफिक कंट्रोल, दुर्घटनाओं में त्वरित प्रतिक्रिया और अपराध रोकथाम में भी मदद मिलेगी।
नियम उल्लंघनों पर स्वत: ई-चालान
सड़क हादसों पर नियंत्रण योगी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। इसी लक्ष्य से डीआरएससी मॉडल पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइस लगाने के लिए 25 हाई रिस्क जिलों को 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शेष जनपदों के लिए 50 लाख रुपये प्रति जिले की दर से अतिरिक्त 25 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इन उपकरणों के जरिए ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, रेड लाइट जंपिंग और गलत दिशा में वाहन चलाना जैसे नियम उल्लंघन पर स्वत: ई-चालान जारी होंगे।
इंटरसेप्टर वाहनों से बढ़ी सख्ती
परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में स्वीकृत 19.95 करोड़ रुपये में से 70 इंटरसेप्टर वाहनों की खरीद हो चुकी है। ये वाहन अब हाईवे और शहरों के प्रमुख मार्गों पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही, 18 के-इन-मोशन सेंसरों की स्थापना के लिए 14.05 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं, जिससे ट्रकों की ओवरलोडिंग पर सटीक कार्रवाई होगी।
