यूपी की नदियां अब सिर्फ पूजा के लिए नहीं, कमाई के लिए भी! जल परिवहन सुविधा स्थापित करने को होगा मंथन, जुटेंगे जलमार्ग विशेषज्ञ
परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में यूपी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहली बैठक आज
लखनऊ, अमृत विचार : राज्य सरकार अंतर्देशीय जल परिवहन को उद्योग, व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स के नए विकल्प के रूप में विकसित करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने कयावद शुरू कर दी है। इसके लिए जलमार्ग प्राधिकरण की पहली बैठक मंगलवार को राजधानी स्थित निजी होटल, विपिन खंड, गोमती नगर में आयोजित की जा रही है। बैठक की अध्यक्षता परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह करेंगे।
उक्त जानकारी देते हुए उप्र. की परिवहन आयुक्त किंजल सिंह ने बताया कि जलमार्ग प्राधिकरण का गठन शासनादेश 09 सितंबर 2024 के तहत किया गया था। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ सात नामित सदस्यों को शामिल किया गया है। समिति की पहली बैठक में जल परिवहन को लेकर रोडमैप, भविष्य की रणनीतियां तथा विभिन्न विभागों के समन्वय पर विस्तृत चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रदेश और देश के विभिन्न जलमार्ग विशेषज्ञ, औद्योगिक प्रतिनिधि और संबंधित संस्थाओं के अधिकारी जलमार्ग विकास, उपयोगिता, सुरक्षा और निवेश संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि इस बैठक में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष सुनील पालीवाल के अलावा केन्द्र व प्रदेश में प्रमुख विभागों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, मीरजापुर, प्रयागराज, कानपुर, अयोध्या और गोरखपुर के मंडलायुक्त, यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक, निदेशक खनन, महानिदेशक पर्यटन, तथा यूपीडा व उपशा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी बैठक का हिस्सा होंगे।
