लखनऊ विश्वविद्यालय के नए कुलपति का इंतजार होगा ख़त्म, UGC नियमों के तहत होगी पूरी प्रक्रिया
लखनऊ। लंबे समय तक खाली पड़े लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) के कुलपति पद पर अब नियुक्ति की प्रक्रिया निर्णायक दौर में पहुंच गई है। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का चयन समिति के साथ जल्द ही साक्षात्कार होगा जिसके बाद नए कुलपति के चयन की औपचारिक घोषणा होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक करीब दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों को वार्तालाप के लिए बुलाया गया है।
इनमें देश के शीर्ष आईआईटी के प्रख्यात वैज्ञानिक, आईआईएम में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत अधिकारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, एक कार्यवाहक कुलपति और लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हैं। इंटरैक्शन के बाद कमेटी लगभग पांच नामों की अनुशंसा राज्यपाल (कुलाधिपति) को भेजेगी, जिनमें से अंतिम चयन किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया यूजीसी के नियमों के तहत होती है, जिसमें राज्यपाल की चयन में प्रमुख भूमिका, पारदर्शिता और शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्राथमिकता दी जाती है।
सूत्रों की मानें तो शीर्ष अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्रों के लिए प्रसिद्ध दो वैज्ञानिक, देशभर के लगभग एक दर्जन वर्तमान कुलपति, एक कार्यवाहक कुलपति, लखनऊ के दो पूर्व कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय के लगभग तीन वरिष्ठ प्रोफेसर, तकनीकी शिक्षा संस्थानों का संचालन करने वाले चर्चित शिक्षाविद और कई विश्वविद्यालयों का नेतृत्व कर चुके एक वरिष्ठ पूर्व कुलपति भी इस रेस में शामिल हैं। वार्तालाप की यह प्रक्रिया शनिवार सुबह 11 से शुरू होगी।
उम्मीदवारों को आधे घंटे पहले प्रस्तुति और दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि वर्तमान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, जो दो कार्यकाल पूरे कर चुके थे, 30 जुलाई को आईआईएम-कोलकाता के निदेशक नियुक्त कर दिए गए।
इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. मनुका खन्ना को कार्यवाहक कुलपति बनाया गया। सूत्रों का कहना है कि दिसंबर में नए कुलपति की नियुक्ति किए जाने की पूरी संभावना है। यह प्रक्रिया लखनऊ विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक नेतृत्व की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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सोर्स : (वार्ता)
