Ayodhya News: फार्मासिस्ट से तंग एएनएम ने सुसाइड नोट लिख खाया जहर, सीएमओ भाग कर पहुंचे सीएचसी
शुजागंज/अयोध्या, अमृत विचार। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुजागंज में तैनात एक एएनएम ने आयुष फार्मासिस्ट से तंग आकर जहरीला पदार्थ खा लिया। शुक्रवार देर रात एएनएम की तबियत बिगड़ने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से परिजनों को मिली, जिसके बाद पति प्रवेश कुमार ने आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुदौली में भर्ती कराया। डाक्टरों के अनुसार एएनएम की हालत अब खतरे से बाहर है।
पीड़िता की पहचान एएनएम अनीता कुमारी के रूप में हुई है। पति प्रवेश के अनुसार अनावश्यक दबाव और बार-बार अलग-अलग स्थानों पर ड्यूटी लगाए जाने से अनीता मानसिक तनाव में थी। घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। सीएमओ मुख्यालय से भाग कर सीएचसी रुदौली पहुंचे, पीड़ित एएनएम से बातचीत की। कार्रवाई का आश्वासन दिया।
उन्होंने प्रथम दृष्टया आरोपी आयुष फार्मासिस्ट धनीराम को तत्काल प्रभाव से बीकापुर सीएचसी से सम्बद्ध करते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। हालांकि पीड़ित एएनएम की तहरीर पर पुलिस ने अभी तक कोई एफआईआर नहीं दर्ज की है। पूरे मामले में सीएचसी अधीक्षक डॉ फातिमा रिजवी भी सवालों से घिर गई हैं।
फार्मासिस्ट की विसंगति पूर्ण कार्यशैली और स्वयं एएनएम से स्पष्टीकरण तलब करना विभागीय नियमों के बाहर बताया जा रहा है। प्रकरण को लेकर रुदौली सीएचसी की अधीक्षक डॉ. फातिमा हसन ने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें पहले नहीं थी।
सुसाइड नोट में फार्मासिस्ट पर लगाए गंभीर आरोप
घटना के बाद सामने आए दो पन्नों के सुसाइड नोट में एएनएम ने विभाग में तैनात फार्मासिस्ट धनीराम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट में अनुचित तरीके से ड्यूटी लगाए जाने, मानसिक उत्पीड़न और रुपये की मांग जैसे आरोप दर्ज हैं।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुजागंज में पूर्व में तैनात फार्मासिस्ट साकेत त्रिपाठी से भी कथित तौर पर डिप्रेशन के चलते आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आ चुका है। इसके बावजूद विभाग से कोई ठोस सुधारात्मक कदम न उठाया जाना लापरवाही को दर्शाता है।
पीएचसी शुजागंज में अव्यवस्थाओं का खुलासा
शनिवार दोपहर सीएमओ ने पीएचसी शुजागंज का औचक निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर भारी अव्यवस्थाएं, उपकरणों के रखरखाव में लापरवाही और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी सामने आई। सीएमओ ने इन खामियों पर नाराजगी जताई। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से पीएचसी शुजागंज में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं।
सीएमओ से कहा- अब तक एक लाख दे चुकी हूं
पीड़िता अनीता ने अपने बयान में सीएमओ को बताया कि वह अब तक एक लाख रुपये से अधिक की रकम दे चुकी है। तीन वर्षों में इतनी राशि देने के बाद अब उनके पास देने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि दो छोटे बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है।
ऐसे में रुपये कहां से लाएं, यह बड़ी समस्या बन गई है। अनीता के अनुसार जब से वह रुपये नहीं दे पा रही थीं, तब से विभागीय दबाव बढ़ गया। उनकी ड्यूटी पांच अलग-अलग स्थानों पर टीकाकरण कार्य के लिए लगा दी गई, जिससे वह मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान हो गईं।
पीड़िता की ओर से तहरीर और शिकायती पत्र मिला है। तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है। आगे जैसे भी तथ्य आएंगे। कार्रवाई की जाएगी... संजय मौर्य, कोतवाल रुदौली।
