अवध विश्वविद्यालय न्यूज: तलब की गई थी 500 से, भेजी महज 50 कालेजों ने रिपोर्ट, कार्रवाई संभव
अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेजों से संसाधनों व शैक्षणिक व्यवस्था की रिपोर्ट का मामला
अयोध्या, अमृत विचार। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की शैक्षणिक एवं संसाधन व्यवस्था की समीक्षा के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने नवम्बर माह तक दस बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट संसाधनों की उपलब्धता, शिक्षकों की स्थिति, बुनियादी सुविधाओं, लाइब्रेरी, प्रयोगशालाओं एवं शैक्षणिक गुणवत्ता जैसे महत्वपूर्ण बिदुओं पर आधारित थी। विश्वविद्यालय का उद्देश्य सम्बद्ध कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करना और कमियों को दूर करना था।
निर्धारित समयसीमा बीतने के बावजूद पांच सौ से अधिक सम्बद्ध महाविद्यालयों में से केवल पचास कॉलेजों ने ही अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेजी है। शेष कॉलेजों की यह उदासीनता विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। सूत्रों के अनुसार कई कॉलेजों में संसाधनों की कमी या प्रशासनिक लापरवाही के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी, जबकि कुछ प्राचार्यों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अब इन बाकी बचे महाविद्यालयों को नोटिस जारी करने की तैयारी में हैं। नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी जाएगी कि निर्धारित समय में रिपोर्ट न देने पर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सम्बद्धता पर पुनर्विचार या अन्य दंडात्मक कदम शामिल हो सकते हैं। विश्वविद्यालय अधिकारियों का कहना है कि यह कवायद कॉलेजों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
अवध विश्वविद्यालय से जुड़े सैकड़ों कॉलेजों में लाखों छात्र पढ़ते हैं। रिपोर्ट न देने से शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कुलसचिव विनय कुमार सिंह का कहना है कि अब तक रिपोर्ट न देने वाले कालेजों को नोटिस दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट यूजीसी के निर्देश पर उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए ली जा रही है।
