'रेंग रही गाड़ियां, विजिबिलिटी हुई कम' दिल्ली में प्रदुषण और ठंड का डबल अटैक, बच्चों-बुजुर्गों को बाहर न जाने की सलाह
दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर बहुत खराब बना हुआ है और शहर के कई हिस्सों में कोहरे एवं धुंध से दृश्यता कम हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सफदरजंग में सुबह 6:30 बजे हल्के कोहरे में दृश्यता सबसे कम 900 मीटर दर्ज की गई, जबकि पालम में सुबह 7:00 बजे धुंध में 1,100 मीटर दृश्यता रही।
सात से दस किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली पश्चिमी हवाओं ने दृश्यता में और गिरावट को रोकने में मदद की। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि इसका विमान और सड़क संचालन पर ज़्यादा असर नहीं पड़ा, हालांकि मोटर चालकों को सुबह के समय सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही।
40 में से 39 मॉनिटरिंग स्टेशनों के डेटा के आधार पर दिल्ली का कुल एक्यूआई सुबह 6:05 बजे 329 था। कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर काफी ज़्यादा दर्ज किया गया जिसमें मुंडका (371), एनएसआईटी द्वारका (361), नेहरू नगर (360), ओखला फेज-2 (339), पंजाबी बाग (340) और नरेला (340) में एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में रहा।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में एक्यूआई 319 दर्ज किया गया, जबकि नजफगढ़ में 305, आनंद विहार में 341 दर्ज किया गया, जबकि अशोक विहार में इसका स्तर 351 था। स्वास्थ्य सलाह में चेतावनी दी गई है कि ऐसी हवा की गुणवत्ता में लंबे समय तक रहने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को। दिसंबर के एक्यूआई कैलेंडर के अनुसार हाल के दिनों में प्रदूषण का स्तर लगातार ऊंचा बना हुआ है।
14 दिसंबर को यह 461 और 15 दिसंबर को 427 तक पहुंच गया, जो पूरे शहर में लगातार खराब से बहुत खराब हवा की गुणवत्ता का संकेत है। आईएमडी ने कहा कि दिन में तापमान बढ़ने और धूप तेज़ होने के साथ मौसम की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है।
