Bareilly: टेंडर में अटका नए बस अड्डे का भवन का निर्माण, अब अगले साल मई तक होगा पूरा
बरेली, अमृत विचार। मिनी बाईपास पर नए रोडवेज बस अड्डे के भवन निर्माण का कार्य अब भी टेंडर प्रक्रिया में फंसा हुआ है। निर्माण कार्य में लगातार देरी और परियोजना का अधूरा रह जाना प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। अधिकारियों के अनुसार, अब दूसरी बार टेंडर निकालने की तैयारी चल रही है, ताकि निर्माण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें। वहीं, परिवहन विभाग के लिए राहत भरी खबर यह है कि बस स्टैंड के अधूरे निर्माण को लेकर सीएम डैशबोर्ड की रैकिंग पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए शासन ने इसे पूरा करने की समय सीमा बढ़ाकर मई 2026 तक कर दी है।
इज्जत नगर में रोडवेज के नए बस अड्डे के निर्माण के लिए पांच साल पहले केंद्रीय कारागार की 2.285 हेक्टेयर भूमि परिवहन निगम को हस्तांतरित की गई थी। शासन से उसी वित्तीय वर्ष में 16.72 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी थी। साथ ही निर्माण कराने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को दी, लेकिन एक साल तक बजट ही जारी नहीं हो सका। मार्च 2021 में तीन करोड़ रुपये का बजट आवंटित होने के बाद कार्य आरंभ हुआ। दूसरी किस्त अगस्त 2023 में दो करोड़, इसके बाद मार्च 2025 में तीसरी किस्त 3.90 करोड़ रुपये जारी की गई। हर बार किस्त आने पर टेंडर कराकर काम शुरू कराया गया। 8.90 करोड़ रुपये की लागत से पांच साल में 75 प्रतिशत काम पूरा करने का दावा किया गया।
वहीं, सितंबर में शासन से 6.98 करोड़ का बजट आवंटित किया गया, लेकिन कार्यदायी संस्था अभी तक टेंडर की प्रक्रिया में ही उलझी है। बीते सोमवार को मुख्यालय पर टेंडर खोलने का समय था, लेकिन एक ही टेंडर पड़ने पर कोरम पूरा नहीं हो पाने से रि-टेंडर कराने की प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई है। इधर, परिवहन निमग के अफसर इस बात से परेशान थे कि 31 दिसंबर 2025 तक काम पूरा करने की तारीख सीएम डैश बोर्ड पर नियत की गई थी।
इसकी वजह से मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की रैकिंग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। आए दिन होने वाली समीक्षा बैठक में अफसरों को सुननी पड़ती। इसको लेकर शासन में पत्र लिखा गया। इसका संज्ञान लेकर दो दिन पहले अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा ने सीएम डैश बोर्ड पर निर्माण की मियाद बढ़ाकर मई 2026 कर दी है। आरएम दीपक चौधरी का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की है।
