पांच राज्यों में फैले जाली मार्कशीट गिरोह के तार: जांच में खुलासा, खाड़ी देश में नौकरी के दी फर्जी डिग्री 

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : गोमतीनगर के विकासखंड में किराए का मकान लेकर जाली मार्कशीट छापने वाले गिरोह के तार पंजाब, हरियाणा, नागालैंड, दिल्ली और मेघालय तक फैले हुए हैं। रविवार को गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ है। आरोपियों ने क्लाइंट उपलब्ध कराने वाले पांच राज्यों में बैठे अपने दस साथियों के नाम पुलिस को बताए हैं।

डीसीपी पूर्वी की सर्विलांस सेल और गोमतीनगर पुलिस की संयुक्त टीम गिरोह के पूरे सिंडिकेट तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। गिरोह से संपर्क करने वालों में अधिकतर वे युवा थे, जो खाड़ी देशों में नौकरी के लिए फर्जी मार्कशीट बनवाते थे। सर्विलांस की मदद से पुलिस की तीन टीमें अन्य प्रांतों के लिए रवाना की गई हैं।

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि रविवार को देशभर के 25 से अधिक विश्वविद्यालयों की जाली मार्कशीट तैयार करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें सरगना अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र के नेपुरा मखदूमपुर स्थित पलिया गोबा गांव निवासी सत्येंद्र द्विवेदी, उन्नाव के बीघापुर के कला घाटमपुर गांव निवासी अखिलेश कुमार और लखीमपुर खीरी के ईशानगर थाना क्षेत्र के लाखून समैसा गांव निवासी सौरभ शर्मा शामिल हैं। आरोपियों के पास से करीब 923 जाली मार्कशीट समेत अन्य सामग्री बरामद की गई थी।

अब तक की जांच में सामने आया है कि गिरोह 2500 से अधिक फर्जी मार्कशीट तैयार कर चुका है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि जाली मार्कशीट, डिग्री और प्रमाण पत्रों के जरिए कई युवाओं ने खाड़ी देशों और निजी कंपनियों में नौकरी हासिल की है। जेल भेजने से पहले पुलिस ने तीनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि देशभर में उनके कई सहयोगी हैं, जो विश्वविद्यालयों की जानकारी उपलब्ध कराते थे। इसके बाद उसी पैटर्न पर मार्कशीट डिजाइन की जाती थी। सत्येंद्र ने स्वीकार किया कि इस्तेमाल किया जाने वाला कागज भी विश्वविद्यालयों जैसा ही होता था, जिससे किसी को शक नहीं होता था। गिरोह 25 हजार से लेकर चार लाख रुपये तक में फर्जी मार्कशीट, प्रमाण पत्र और डिग्री बेचता था। पुलिस सरगना के ऑनलाइन एग्जाम सेंटर से जुड़े तथ्यों की भी जानकारी जुटा रही है।

जनवरी में 400 छात्रों को देनी थी मार्कशीट

पुलिस ने आरोपी सत्येंद्र के पास से एक लैपटॉप बरामद किया है। जांच में उसमें 400 छात्रों के नाम सामने आए हैं, जिन्हें जनवरी में जाली मार्कशीट दी जानी थी। लैपटॉप में छात्रों के नाम, पिता का नाम, विषय, मोबाइल नंबर समेत पूरी जानकारी दर्ज मिली है। पुलिस जल्द ही कुछ छात्रों से संपर्क कर यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि गिरोह कैसे काम करता था और इन लोगों का संपर्क गिरोह से कैसे हुआ।

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