कैंपस : आईआईटी कानपुर ने बनाया चार इंच का  नैनो ड्रोन अलख-4 

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Published By Monis Khan
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आधुनिक युद्ध और सुरक्षा व्यवस्था में जिस तरह निगरानी तथा सटीक खुफिया जानकारी की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है, उसे देखते हुए आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप एंड्योरएयर ने ‘अलख-4’ नाम से चार इंच लंबाई का एक शक्तिशाली सर्विलांस नैनो ड्रोन बनाया है। बेहद छोटे आकार का यह ड्रोन इस बात का संकेत है कि भविष्य के युद्ध और सुरक्षा प्रणाली भारी हथियारों से अधिक बुद्धिमान तकनीक पर निर्भर होकर निर्णायक भूमिका अदा करेगी।

इसी कारण ‘अलख-4’ को खास तौर पर सैन्य निगरानी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। यह नन्हा ड्रोन जो कई बार सामान्य आंखों से देखा नहीं जा सकेगा, न सिर्फ मुश्किल परिस्थितियों में दुश्मन के खुफिया ठिकानों को खोज निकालेगा, बल्कि वहां हो रही हरकतों की रियल टाइम जानकारी देगा, जिससे सेना आसानी से अपने मिशन को सफल बना सकेगी। 

सेना की जरूरत और सर्विलांस के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित ‘अलख-4’ ड्रोन कॉम्पैक्ट, हल्के फ्रेम और स्वायत्त उड़ान क्षमता के साथ एक बैकपैक करने योग्य यूएवी है, जिसे सीमित, कठिन और अप्रत्याशित वातावरण में निकट श्रेणी के संचालन के लिए बनाया गया है। यह उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में तेजी से तैनाती, हवाई निगरानी, लक्ष्य की पहचान और निगरानी में सहायता प्रदान करता है।

800 ग्राम तक अधिकतम वजन
सूक्ष्म श्रेणी का मानवरहित वाहन ‘अलख-4’ एफपीवी तकनीक एकीकृत है। इसे विशेष तौर पर कम दूरी की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह 2 फीट × 2 फीट की खिड़की जितनी छोटी जगह में भी अपना काम बखूबी अंजाम दे सकता है। इसका कुल वजन अधिकतम 800 ग्राम तक है। वजन में हल्का होने से इसे छिपाना और कहीं भी ले जाना आसान है। यह यह हल्का ड्रोन 400 ग्राम तक के भार को सहन कर सकता है। 

आपदा राहत और खोज अभियान में विश्वसनीय  
‘अलख-4’ का छोटा आकार और त्वरित तैनाती इसे उन सीमित क्षेत्रों में संचालन के लिए भी आदर्श बनाती है, जहां पारंपरिक यूएवी नहीं पहुंच सकते। अपनी इस खूबी के चलते यह उच्च जोखिम वाले वातावरण में आपातकालीन टीमों, विशेष इकाइयों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन जाता है। सीमित क्षेत्रों से डेटा एकत्र करने में विशेषज्ञता रखने वाला अलख, आंतरिक निगरानी, आपदा राहत, खोज अभियान और शहरी निगरानी जैसे मिशनों में भी सहायक है। 

कम रोशनी या अंधेरे में भी स्पष्ट फोटो भेजने की क्षमता
आईआईटी कानपुर के एसआईआईसी (स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर) के स्टार्टअप एंड्योरएयर के फाउंडर और वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो.अभिषेक की देखरेख में तैयार ‘अलख-4’ ड्रोन में इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इंफ्रारेड नेटवर्क कैमरे लगे हैं। इनकी मदद से यह कम रोशनी या अंधेरे में भी साफ फोटो कंट्रोल रूम को भेजकर सटीक जानकारी देता है। इससे किसी भी व्यक्ति को पहचानना आसान हो जाता है। इसकी फोटो में अधिक कोहरा, बर्फ या अत्यधिक ठंड का प्रभाव नहीं पड़ता है। यह ड्रोन माइनस 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 55 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम करने में सक्षम है। यह ऊंची पहाड़ियों के साथ सर्द व गर्म इलाकों में भी सर्विलांस करने में कारगर है। इसकी मदद से दुर्गम इलाकों या पहाड़ियों पर सैनिकों तक आसानी से संदेश भेजे जा सकते हैं। 

विशेषताएं
लंबाई : 04 इंच
वजन- अधिकतम 800 ग्राम
रफ्तार - 60 किमी प्रति घंटा
दायरा- 02 किमी सर्किल
काम – सर्विलांस

लेखक- मनोज त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार

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