औद्योगिक टाउनशिप : बंजर भूमि पर भी खिलेंगे उद्योगों के फूल, इस गांव में सबसे ज्यादा बंजर भूमि

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। बरेली-दिल्ली हाईवे से सटकर विकसित की जा रही औद्योगिक टाउनशिप में बंजर भूमि भी शामिल की गयी है। जिस भूमि पर अन्न का एक दाना नहीं उगा, उस बंजर भूमि पर अब उद्योगों के फूल खिलेंगे। इस टाउनशिप के लिए 124.3703 हेक्टेयर भूमि अर्जन करने की तैयारी की जा रही है, इसमें बंजर भूमि सहित ग्राम समाज भूमि मिलाकर 27.3299 हेक्टेयर भूमि सरकारी शामिल है। औद्योगिक टाउनशिप में शामिल की गयी सरकारी भूमि ज्यादातर मीरगंज तहसील के रहपुरा जागीर गांव क्षेत्र में है।

बरेली विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित औद्योगिक टाउनशिप में सदर तहसील के ग्राम रसूला चौधरी और मीरगंज तहसील के ग्राम भिटौरा, नौगवां उर्फ फतेहगंज पश्चिमी, चिटौली एवं रहपुरा जागीर की भूमि अर्जन की जानी है। 124.3703 हेक्टेयर भूमि में से 97.0404 हेक्टेयर भूमि ही बीडीए ने अर्जन करने की तैयारी शुरू की है। बीडीए की ओर से तैयार किए गए भू-अर्जन प्लान के अनुसार सरकारी भूमि विभिन्न श्रेणी में है। इसमें श्रेणी 5-3 बंजर भूमि के 94 गाटा संख्या हैं। श्रेणी 6-2 मुख्य मार्ग के 104 गाटा संख्या हैं। श्रेणी 6-2 रास्ता के 5 गाटा संख्या हैं। श्रेणी 6-1 गूल के 53 गाटा संख्या हैं। श्रेणी-6-2 चकमार्ग के 131 गाटा संख्या और श्रेणी-5-1 नवीन परती के 50 गाटा संख्या हैं। औद्योगिक टाउनशिप में सरकारी भूमि के होने का फायदा बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) को भी मिलेगा। बीडीए को इतनी भूमि अर्जन करने के लिए धनराशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

बीडीए की 93वीं बोर्ड बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी के बाद भू-अर्जन प्लान डीएम अविनाश सिंह के समक्ष प्रस्तुत किया गया। भू-अर्जन प्लान में चिह्नित भूमि को लेकर प्राधिकरण की आर्थिक व्यवहारिकता के संबंध में समिति गठित की गयी। समिति में शामिल अधिकारियों में प्रभारी भू-अर्जन/विशेष कार्याधिकारी नीलम श्रीवास्तव, सचिव वंदिता श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव दीपक कुमार, विशेष कार्याधिकारी अजीत कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता एपीएन सिंह, सहायक नगर नियोजक वसुधा आदि शामिल किए गए। 

अफसरों की टीम ने औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने के लिए आने वाली लागत का आकलन, भूमि क्रय करने व विकसित करने में होने वाले व्यय के दृष्टिगत भूमि प्राधिकरण की वर्तमान दरों पर विक्रय करने की व्यवहारिकता का परीक्षण कर अपनी आख्या 28 नवंबर को प्रस्तुत की थी, जिसे वीसी डॉ. मनिकंडन ए ने एक दिसंबर को अनुमोदन प्रदान किया और योजना को व्यावहारिक पाया था। वहीं, मंगलवार को हुई बैठक में डीएम के निर्देश देने पर एसडीएम सदर प्रमोद कुमार और मीरगंज एसडीएम आलोक कुमार अपनी देखरेख में प्रस्तावित भूमि का परीक्षण करा रहे हैं।

 

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