Mahadevi Verma
इतिहास 

26 मार्च का इतिहास: आज ही के दिन आधुनिक मीरा महादेवी वर्मा का हुआ जन्म, जानें प्रमुख घटनाएं

26 मार्च का इतिहास: आज ही के दिन आधुनिक मीरा महादेवी वर्मा का हुआ जन्म, जानें प्रमुख घटनाएं नई दिल्ली। महान कवयित्री महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को हुआ। हिंदी साहित्य में निराला, प्रसाद, पंत के साथ साथ महादेवी वर्मा को छायावाद युग का एक महान स्तम्भ माना जाता है। महादेवी गद्य विधा की भी महत्वपूर्ण...
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उत्तर प्रदेश  फर्रुखाबाद 

Farrukhabad: जयंती पर याद की गई छाया वादी कवि महीयसी महादेवी वर्मा...पूरे विश्व में जिले को नाम से मिली पहचान

Farrukhabad: जयंती पर याद की गई छाया वादी कवि महीयसी महादेवी वर्मा...पूरे विश्व में जिले को नाम से मिली पहचान फर्रुखाबाद, अमृत विचार। महीयसी महादेवी वर्मा की जयंती पर रविवार को नगर की प्रमुख संस्था अभिव्यंजना के तत्वाधान में साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों और सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं ने पल्ला स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।  इस अवसर पर डॉ....
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इतिहास  Special 

26 मार्च: 'आधुनिक मीरा' महादेवी वर्मा का जन्मदिन, बांग्लादेश की स्थापना, जानिए आज का इतिहास 

26 मार्च: 'आधुनिक मीरा' महादेवी वर्मा का जन्मदिन, बांग्लादेश की स्थापना, जानिए आज का इतिहास  नई दिल्ली। महान कवयित्री महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को हुआ। हिंदी साहित्य में निराला, प्रसाद, पंत के साथ साथ महादेवी वर्मा को छायावाद युग का एक महान स्तम्भ माना जाता है। महादेवी गद्य विधा की भी महत्वपूर्ण...
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साहित्य 

स्वप्न से किसने जगाया?… महादेवी वर्मा

स्वप्न से किसने जगाया?… महादेवी वर्मा स्वप्न से किसने जगाया? स्वप्न से किसने जगाया? मैं सुरभि हूं। छोड़ कोमल फूल का घर, ढूंढ़ती हूं निर्झर। पूछती हूं नभ धरा से- क्या नहीं ऋतुराज आया? मैं ऋतुओं में न्यारा वसंत, मैं अग-जग का प्यारा वसंत। मेरी पगध्वनी सुन जग जागा, कण-कण ने छवि मधुरस मांगा। नव जीवन का संगीत बहा, पुलकों से …
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साहित्य 

नीलकंठ मोर

नीलकंठ मोर प्रयाग जैसे शान्त और सांस्कृतिक आश्रम-नगर में नखास कोना एक विचित्र स्थिति रखता है। जितने दंगे-फसाद ओर छुरे चाकुबाजी की घटनाएं घटित होती हैं, सबका अशुभारम्भ प्रायः नखासकोने से ही होता है। उसकी कुछ और भी अनोखी विशेषताएं हैं। घास काटने की मशीन के बड़े-चौड़े चाकू से लेकर फरसा, कुल्हाड़ी, आरी, छुरी आदि में धार …
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साहित्य 

गिल्लू: दो कौवे एक गमले के चारों ओर चोंचों से छूआ-छुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं…

गिल्लू: दो कौवे एक गमले के चारों ओर चोंचों से छूआ-छुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं… सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है । इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठता था और फिर मेरे निकट पहुंचते ही कंधे पर कूदकर मुझे चौंका देता था। तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की …
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