“I recite those ghazals while covering myself”
साहित्य 

दुष्यंत कुमार की मशहूर नज्म-“ मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ, वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ’’ 

दुष्यंत कुमार की मशहूर नज्म-“ मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ, वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ’’  मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ   मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ  वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ  एक जंगल है तेरी आँखों में  मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ  तू किसी रेल सी गुज़रती है  मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ...
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