पंजाब में बिजली समझौते को लेकर गरजी आप, कहा- अगले हफ्ते सबूतों के साथ करेगी कांग्रेस को बेनकाब

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चंडीगढ़। बिजली समझौतों को रद्द किये जाने के मुद्दे पर पंजाब सरकार तथा सत्ताधारी कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के नए षड्यंत्र रचने शुरू कर दिए हैं जिनका पर्दाफाश आप करेगी। आम आदमी पार्टी अगले हफ्ते तथ्यों और दस्तावेजी सबूतों के साथ सत्ताधारी कांग्रेस के पाखंड को बेनकाब करेगी। जिसका मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह …

चंडीगढ़। बिजली समझौतों को रद्द किये जाने के मुद्दे पर पंजाब सरकार तथा सत्ताधारी कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के नए षड्यंत्र रचने शुरू कर दिए हैं जिनका पर्दाफाश आप करेगी। आम आदमी पार्टी अगले हफ्ते तथ्यों और दस्तावेजी सबूतों के साथ सत्ताधारी कांग्रेस के पाखंड को बेनकाब करेगी। जिसका मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ-साथ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को पंजाब की जनता को ईमानदारी से जवाब देना होगा।

विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां जारी बयान में कहा कि आम आदमी पार्टी बिजली समझौते पर पिछले कई वर्षों से गांवों और शहरों में बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध अभियान चला रही है। बिजली माफिया की अंधाधुंध लूट पर जनता और विपक्ष के दबाव से सरकार हिल गई है इसलिए मुख्यमंत्री को समझौतों को रद्द करने के लिए पीएसपीसीएल को पत्र लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

उनके अनुसार कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू विधानसभा के आगामी सत्र में समझौते को रद्द करने के नारे लगाने लगे हैं लेकिन असल में यह ढोंग है, सरकार लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रही है क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता ने बाकी मुद्दों के साथ साथ महंगी बिजली के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार को सबक सिखाने का पक्का मन बना लिया है।

चीमा ने कहा कि कैप्टन सरकार नेशनल पावर थर्मल कॉर्पोरेशन एनटीपीसी के औरया और दादरी बिजली घरों के साथ हुए तीनों बिजली समझौतों को रद्द कर लोगों में यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि सरकार ने तीनों चर्चित थर्मल प्लांट (राजपुरा, गोइंदवाल साहिब, तलवंडी साबो) के साथ समझौते रद्द कर दिए हों।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सडक़ से लेकर विधानसभा तक इन सभी महंगे बिजली सौदों को रद्द या समीक्षा कराने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही है। सरकारी तंत्र की आड़ में चल रहे बिजली माफिया पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार और कांग्रेसियों सहित बादल एंड कंपनी को कटघरे में खड़ा किया गया। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि साढ़े चार साल बाद मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दबाव में आकर स्वीकार किया है कि निजी कंपनियों के साथ एकतरफा समझौते के जरिये लोगों को लूटा जा रहा है।

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