Penguin Issue: आदित्य ठाकरे को पेंग्विन देखभाल पड़ रही भारी, अपनों ने ही घेरा
मुंबई। शिवसेना सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे एक बार फिर पेंग्विन के मुद्दे को लेकर मुसीबत में हैं। मुंबई के चिड़ियाघर में रखे गए पेंग्विन की देखभाल के लिए जारी किए गए 15 करोड़ के टेंडर पर बीएमसी में नेता विपक्ष रवि राजा ने सवाल खड़ा कर दिया है। आदित्य …
मुंबई। शिवसेना सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे एक बार फिर पेंग्विन के मुद्दे को लेकर मुसीबत में हैं। मुंबई के चिड़ियाघर में रखे गए पेंग्विन की देखभाल के लिए जारी किए गए 15 करोड़ के टेंडर पर बीएमसी में नेता विपक्ष रवि राजा ने सवाल खड़ा कर दिया है। आदित्य ठाकरे पर आरोप है कि पेंग्विन की देखभाल के लिए बीएमसी डॉक्टर नियुक्त कर सकता है लेकिन इसके लिए करोड़ों रुपए के टेंडर क्यों किए गए।
गौरतलब है कि इससे पहले भी पेंग्विन को मुंबई के रानी के बाग चिड़ियाघर में लाने और उन पर किए जाने वाले खर्च को लेकर विवाद और विरोध हो चुका है। कांग्रेस नेता रवि राजा ने कहा कि ठेकेदार के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी से कम नहीं है। जानकारी के अनुसार इसकी खरीद और उन्हें रखने के लिए बनाए गए चेंबर पर 25 करोड़ बीएमसी पहले ही खर्च कर चुकी है। अब इसके बाद 3 साल तक उनकी देखभाल के लिए ₹11 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।
एक पेंग्विन पर रोजाना 20 हजार खर्च किए जाते हैं। एक दिन में 7 पेंग्विन पर लगभग डेढ़ लाख खर्च हो रहे हैं। एक माह में इस पर 6 लाख खर्च किए जाते हैं जबकि 1 साल में एक पेंग्विन पर होने वाला खर्चा 71 लाख रुपए है। कुल मिलाकर 3 सालों के लिए 7 पेंग्विन की देखभाल के लिए 15 करोड़ का खर्चा अनुमानित है। जिस रानी के बाग मे पेंग्विन रखे गए है वहां 3 से 12 साल के बच्चों के लिए 25 रुपये टिकट है। वहीं 12 साल से बड़े लोगों के लिए 50 रुपए का टिकट। वहीं खास बात यह है कि रानी के बाग से BMC को सालाना 6 करोड़ कमाई होती है। लेकिन पिछले दो सालों से कोविड की वजह से पार्क बंद है।
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