सीतापुर: पुलिस परामर्श केंद्र…जहां जुड़ते हैं टूटे हुए दिल, और फिर हो जाते हैं एक
सीतापुर। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा जलाए जा रहे है पुलिस परामर्श केंद्र का असर अब दिखने लगा है। यहां पुलिस द्वारा टूटे हुए दिल को जोड़ा जाता है और सारे गिले-शिकवे भुलाकर साथ रहने के लिए प्रेरणा दी जाती है। पुलिस प्रशासन की यह पहल हद तक सफल दिखाई पड़ रही है। दरसअल आज पुलिस …
सीतापुर। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा जलाए जा रहे है पुलिस परामर्श केंद्र का असर अब दिखने लगा है। यहां पुलिस द्वारा टूटे हुए दिल को जोड़ा जाता है और सारे गिले-शिकवे भुलाकर साथ रहने के लिए प्रेरणा दी जाती है। पुलिस प्रशासन की यह पहल हद तक सफल दिखाई पड़ रही है। दरसअल आज पुलिस परामर्श केंद्र छह जोड़े फिर एक साथ रहने को राजी हो गए और साथ हसी खुशी घर चले गए।
केस एक- महोली कोतवाली इलाके के पाताबोझ गांव निवासी रोहिणी की उसके पति सतीश कुमार से अनबन चल रही थी। दोनों के बीच वैवाहिक रिश्ते अच्छे नहीं थे। विवाद चरम पर पहुंचा तो रोहिणी ने एसपी से गुहार लगाई। एसपी ने इस ममले को परिवार परामर्श केंद्र भेजा। जहां काउंसलरों ने रोहिणी व सतीश को बुलाकर मध्यस्तता की। दोनों को समझाया गया। जिसके बाद दोनों फिर एक साथ रहने को राजी हो गए और रविवार को रोहिणी की उसकी ससुराल विदाई करा दी गई।
केस दो- शहर के मोहल्ला संजय नगर निवासी विशुना देवी का पति अजय उन्हें परेशान करता था। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि एक दूसरे का साथ छोड़ दिया। दोनों अलग अलग रहने लगे। पहले समाज के बड़े बुजुर्गों ने दोनों को समझा कर एक करने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने पति-पत्नी के रिश्ते को टूटने के बजाय जोड़ने की कोशिश की। पुलिस की कोशिशें रंग लाईं और एकबार फिर विशुना और अजय एक साथ रहने को तैयार हो गए।
केस तीन- शहर कोतवाली इलाके के मोहल्ला आलम नगर निवासी लाली भी अपने पति से काफी परेशान थी। पति से पूरा सहयोग न मिलने से नाराज होकर उसने कानून का सहारा लिया। लाली ने पुलिस के पास जाकर पति की ओर से की जा रही नाइंफी की शिकायत की। पुलिस ने उसके मामले को बेहद गंभीरता से लिया। पुलिस ने इस मामले को परिवार परामर्श के जरिए सुलझाने की कोशिशें शुरू की। जिसके बाद लाली के अलावा उसके पति को भी बुलाया गया। दोनों के बीच वार्ता कराई गई। दोनों अपने गिले शिकवे दूर किए और फिर से पति-पत्नी के रूप में रहने को तैयार हो गए।

….ये तीन उदाहरण तो सिर्फ बानगी हैं। पुलिस के परामर्श केंद्र में हर सप्ताह-हरमाह और हर साल दर्जनों सुहागिने अभागन बनने से बचाई जा रही हैं। उन विवाहिताओं को फिर से एक नई जिंदगी जीने की राह दिखाई जाती है, जिनके घर टूटने की कंगार पर होते हैं। अक्सर पुलिस के पास ऐसे मामले आते हैं। जिनमें महिलाओं को न हक मिलता है और न ही सम्मान? उन्हें तरह तरह से प्रताड़ित किया जाता है। कहीं उन्हें पति से प्रताड़ना मिलती है तो कहीं उनकी ससुराल के अन्य सदस्य उनके दाम्पत्य जीवन में कलह पैदा कर देते हैं।

ऐसे मामलों पर पुलिस परामर्श केंद्र में काउंसलरों द्वारा काम किया जाता है। एएसपी डाक्टर राजीव दीक्षित के पर्यवेक्षण में चलने वाले इस केंद्र से रविवार को ही छह ऐसी महिलाओं को इंसाफ मिला, जिनकी जिंदगी में अंधेरा छा चुका था। उनका वैवाहिक जीवन नारकीय सा हो गया था। पतियों ने साथ छोड़ दिया था। वह सुहागन से अभागन बनने वाली थीं, लेकिन पुलिस परामर्श केंद्र उनकी जिंदगी में नई रोशनी पैदा की और महिलाओं व उसके पतियों के बीच वार्ता करा कर फिर से एक साथ रहने पर राजी किया और विवाहिताओं को उनके पतियों के साथ विदा करा दिया।
इनकी जिंदगी में भी आईं खुशियां
पुलिस परामर्श केंद्र में लाली, विशुना व रोहिणी को ही नहीं कई अन्य महिलाओं को भी इंसाफ मिला है। एएसपी डाक्टर राजीव दीक्षित ने बताया कि रविवार को रोहिणी, विशुना व लाली के अलावा संदना के नयागांव निवासी संध्या को उसका पति धर्मेंद्र, तंबौर के जालिमपुर निवासी निधि को उसका पति रामपाल, पिसावां के पिपरी निवासी शिवानी को उसका पति राजवीर भी विदा करा ले गया है। इन विवाहिताओं का दाम्पत्य जीवन सुखमय बनाने में प्रभारी परिवार परामर्श केन्द्र महिला सब इंस्पेक्टर मधु यादव, काउंसलर रामलली वर्मा, नीतू यादव, मांडवी मिश्रा, महिला आरक्षी मंजीता, निशा, पूजा व रुचि आदि का भी विशेष योगदान रहा।
