लखनऊ: महिला आयोग में अफसर नदारद, घंटों इंतजार के बाद लौटी महिलाएं
लखनऊ। प्रदेश सरकार महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को लेकर गंभीर है, लेकिन महिला आयोग के अफसर शायद सरकार की मंशा समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने जनसुनवाई के लंबे चौड़े वादे तो किए, लेकिन ऐन मौके पर अफसर गायब हो गए और पीड़ितों के हाथ केवल इंतजार रह गया। हार कर वे घर वापस …
लखनऊ। प्रदेश सरकार महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को लेकर गंभीर है, लेकिन महिला आयोग के अफसर शायद सरकार की मंशा समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने जनसुनवाई के लंबे चौड़े वादे तो किए, लेकिन ऐन मौके पर अफसर गायब हो गए और पीड़ितों के हाथ केवल इंतजार रह गया। हार कर वे घर वापस लौट गईं। गोमतीनगर में महिला आयोग भवन में शुक्रवार को पीड़ित महिलाओं की सुनवाई होनी थी। यहां आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम को सुनवाई करनी थी।
आयोग ने कई दिन पूर्व से इसका प्रचार किया था, ऐसे में महिलाएं अपनी शिकायतें लेकर वहां सुबह नौ बजे से ही आने लगी थीं। सुनवाई 11 बजे से होनी थी। करीब एक बजे वहां सुनवाई के लिए काेई मौजूद नहीं मिला। वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि पूरे प्रदेश में सुनवाई है, इसलिए मैडम तो चली गई हैं। अध्यक्ष की स्टेनो वहां महिलाओं की शिकायतें लेकर उन्हें वापस कर रही थी। जनसुवाई में पहुंची पीड़ित स्वाती पाल ने बताया कि दहेज उत्पीड़न की समस्या लेकर आई है। समस्या का तत्काल निस्तारण होने की उम्मीद से अफसरों के दरबार में गुहार लगाने पहुंची। लेकिन यहां लिखित में शिकायतें लेकर वापस कर दिया जा रहा है।
अध्यक्ष से मिलने की परमिशन नहीं
आयोग की अध्यक्ष बिमला बाथम से सामान्य तौर पर मुलाकात के लिए उपलब्ध नहीं हैं। कर्मचारियों ने बताया कि इसके लिए इजाजत नहीं है। यही वजह है कि कई महिलाएं जो उनसे मिलकर शिकायत करना चाहती हैं, उनकी भी मुलाकात उनसे नहीं हो पाई। आयोग के कर्मचारी अपना मोबाइल नंबर तक पीड़ितों को नहीं बता रहे थे।
