हल्द्वानी: कुमाऊं में बारिश और हिमपात, बढ़ गई ठंड

हल्द्वानी: कुमाऊं में बारिश और हिमपात, बढ़ गई ठंड

हल्द्वानी, अमृत विचार। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से उत्तराखंड में सभी जगह मौसम में बदलाव बना रहा। कुमाऊं में ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ वहीं कम ऊंचाई वाले स्थानों पर बारिश हुई। नैनीताल जिले में भी कई जगह पर रिमझिम बौछारें पड़ीं, जिससे तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र …

हल्द्वानी, अमृत विचार। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से उत्तराखंड में सभी जगह मौसम में बदलाव बना रहा। कुमाऊं में ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ वहीं कम ऊंचाई वाले स्थानों पर बारिश हुई। नैनीताल जिले में भी कई जगह पर रिमझिम बौछारें पड़ीं, जिससे तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि अभी मौसम सामान्य होने में दो दिन का समय और लगेगा।

हल्द्वानी में गुरुवार की रात हल्की बूंदाबांदी होती रही। नैनीताल जिले के अन्य स्थानों पर भी बारिश होने की सूचना है। जिले में कुल 3.3 मिलीमीटर पानी बरसा है। कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा बारिश बागेश्वर जिले में 7 मिलीमीटर बारिश हुई है। पिथौरागढ़ जिले में ऊंचाई वाले स्थानों में हिमपात हुआ है। हिमपात होने के बाद उत्तर से मैदान की ओर चलने वाली हवाओं में ठंड का असर काफी बढ़ गया है।

बर्फीली हवाओं के चलते मैदानी इलाके में भी ठिठुरन काफी बढ़ गई है। फिलहाल हल्द्वानी में बादल छाए रहे। हालांकि अभी भी बारिश होने के आसार जताए जा रहे हैं। नैनीताल में बारिश होने से ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया लोग अलाव और हीटर के सहारे सर्दी से बचते हुए नजर आए। बाजार में भी भीड़भाड़ कम हो गई और बिगड़े मौसम की वजह से पर्यटकों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है।

फसल के लिए लाभदायक है बारिश
जिले के मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव का कहना है कि यह बारिश फसलों के लिए बहुत लाभकारी है। इस समय गेहूं की बुवाई की जा रही है। बारिश से किसानों को काफी फायदा मिलेगा। वहीं, उद्यान विभाग से जानकारी मिली कि मौसमी सब्जियां जैसे कि फूलगोबी, मटर, पालक, टमाटर आदि को इस बारिश से काफी लाभ मिलेगा। इससे किसानों के चेहरों पर खुशी बनी हुई है।

अभी भी जारी है अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार अभी भी ढाई हजार मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाके में बर्फबारी होने के आसार बने हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ का असर 5 दिसंबर तक बना रह सकता है।