शिक्षा के बाजारीकरण के लिये पूर्व की सरकारें जिम्मेदार: सतीश द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण प्रदेश में शिक्षा का बाजारीकरण होता चला गया। डॉ द्विवेदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय में ‘फर्क …
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों ने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण प्रदेश में शिक्षा का बाजारीकरण होता चला गया। डॉ द्विवेदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय में ‘फर्क साफ है‘ कार्यक्रम के तहत पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूर्व की सरकारों में गुणवत्तापूर्ण और बेहतर शिक्षा प्राथमिकता पर नहीं थी।
बाजारीकरण की वजह से महंगी होने के कारण शिक्षा गरीब बच्चों से दूर होती चली गयी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने 2017 से एक मिशन की तरह काम किया और आज की तारीख में गरीब से गरीब परिवार भी अपने बच्चों को स्कूल भेजनें में सक्षम है। सरकार स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति से लेकर यूनिफार्म तक की सुविधा उपलब्ध करा रही है। मंत्री ने कहा कि आज से पांच साल पहले तक प्रदेश में स्कूल के नाम पर टूटे-फूटे जर्जर भवन दिखायी पड़ते थे। उनमें न पीने की पानी की व्यवस्था थी, न बिजली की व्यवस्था थी और न ही बच्चों के बैठने की व्यवस्था थी। यूनिफार्म देने के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाले ही सामने आते थे। पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तर प्रदेश को हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में नकल का गढ़ बना दिया था।
स्थिति यह थी कि अगर मेधावी छात्र भी अन्य प्रदेश में जाता था तो उसकी मार्कशीट को मान्यता नहीं मिलती थी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में योगी सरकार ने इस छवि को बदला है। आज हमारे विद्यालयों में एक करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं नांमाकित है। पहले की सरकारों में जहां शिक्षक भर्ती का अर्थ सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार और वर्ग विशेष का लाभ था। वहीं, योगी सरकार में एक लाख 25 हजार शिक्षकों को पूरी पारदर्शिता व बिना किसी भेदभाव के भर्ती किया गया। भाजपा सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प चलाकर एक लाख से ज्यादा स्कूलों का पुनर्रोद्धार किया।
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स्कूलों में पीने के पानी, बिजली, बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर और खेलने के लिए मैदान की व्यवस्था की। इसके साथ ही भाजपा सरकार ने सभी बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म के साथ स्वेटर और जूते देने का भी काम किया। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि जो उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में 2017 से पहले पूरे देश में पांचवें स्थान पर था आज वह दूसरे स्थान पर खड़ा है। आज स्थिति यह है कि लोग अपने बच्चों का नाम निजी विद्यालयों से कटवाकर सरकारी स्कूलों में लिखवा रहे हैं। योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में आठ राज्य विश्वविद्यालय बनाए है, 51 डिग्री कालेजों की स्थापना हुई है, 250 से अधिक इंटर कॉलेज बनाए गए हैं और 33 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं।
