New year 2022: नए साल के पहले दिन करें भगवान शिव की पूजा, बन रहा है विशेष संयोग

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

पिछले दो साल से कोरोना ने सभी को कुछ ऐसे दर्द दिए हैं जिन्हें शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। अब आने वाले नए  साल में कुछ अच्छा होने की उम्मीद बनीं हुई है। अगर ऐसे में नए साल 1 जनवरी, 2022 की शुरूआत शिव अराधना से हो तो बात ही क्या है। साल …

पिछले दो साल से कोरोना ने सभी को कुछ ऐसे दर्द दिए हैं जिन्हें शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। अब आने वाले नए  साल में कुछ अच्छा होने की उम्मीद बनीं हुई है। अगर ऐसे में नए साल 1 जनवरी, 2022 की शुरूआत शिव अराधना से हो तो बात ही क्या है। साल के पहले ही दिन भगवान भोलेनाथ के पूजन का विशेष संयोग मासिक शिवरात्रि के रुप में बन रहा है।

हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथिको मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। नए साल में (1 जनवरी 2022) शनिवार के दिन पौष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा।

मासिक शिवरात्रि का पूजा मुहूर्त
चतुर्दशी की तिथि का आरंभ- 1 जनवरी 2022 को प्रात: 7 बजकर 17 मिनट पर होगा।
चतुर्दशी की तिथि का समापन- 2 जनवरी 2022, रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट तक.
मासिक शिवरात्रि (01 जनवरी 2022, शनिवार) की पूजा का शुभ मुहूर्त- रात 11 बजकर 58 मिनट से देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक है।

मासिक शिवरात्रि मंत्र
व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है.

मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात को की जाती है जिसे निशिता काल भी कहा जाता है. इसकी शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिव लिंग के अभिषेक करने से होती है। भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाते हैं। इसके बाद शिव आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. इसके बाद भक्त प्रसाद ग्रहण करते हैं। शिवरात्रि व्रत पूरे दिन रखा जाता है और अगले दिन पारण किया जाता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व 
मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने का भी विधान है। इस व्रत को करने के कुछ नियम हैं, जिनका ध्यान रखना चाहिए. इस व्रत की शुरुआत भी सूर्योदय से पहले होती है। शिव भक्त अगर मासिक शिवरात्रि व्रत शुरू करना चाहते हैं, तो इसकी शुरुआत महाशिवरात्रि के दिन से करें। इसके साथ ही आप साल भर की मासिक शिवरात्रियों पर उपवास और पूजन कर सकते हैं।

माना जाता है कि इस व्रत को रखने से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं, साथ ही सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि को रात्रि जागरण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। वहीं विवाह के लिए इस दिन अविवाहित युवतियां भी सच्चे मन से इस व्रत का पालन करती हैं।

ये भी पढ़े-

इस शक्तिपीठ में चोरी करने से मिलता है ‘पुण्य’, माँ चूड़ामणि के वरदान से राजा को हुई थी पुत्र रत्न की प्राप्ति

संबंधित समाचार