यूपी चुनाव-2022: बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली बन सकती है दो दिग्गजों का चुनावी अखाड़ा…

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कुशीनगर। यूपी विधानसभा चुनाव में दल बदलने वाले राजनीति के दो मंजे हुये खिलाड़ियों के बीच रोचक जंग की गवाह भगवान गौतमबुद्ध की परिनिर्वाण स्थली बन सकती है। जिले की पडरौना सीट योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य और कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की कर्मस्थली रही है। मौर्य ने कुछ …

कुशीनगर। यूपी विधानसभा चुनाव में दल बदलने वाले राजनीति के दो मंजे हुये खिलाड़ियों के बीच रोचक जंग की गवाह भगवान गौतमबुद्ध की परिनिर्वाण स्थली बन सकती है। जिले की पडरौना सीट योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य और कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की कर्मस्थली रही है। मौर्य ने कुछ रोज पहले भाजपा छोड़ कर समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थामा है वहीं दिग्गज कांग्रेसी आरपीएन सिंह मंगलवार को भाजपा में शामिल हुये हैं।

आरपीएन सिंह का गढ़ थी यूपी की पडरौना सीट

पडरौना विधानसभा को एक समय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे आरपीएन का गढ़ कहा जाता था। 2009 में लोकसभा सांसद चुने जाने तक वह यहां से तीन बार विधायक रहे। 2007 में भी उन्होंने यह सीट कांग्रेस के लिए जीती थी।

2009 के विधानसभा उपचुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को मिली जीत

2009 में आरपीएन के सांसद बनने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की इस सीट पर एंट्री हुई और उपचुनाव वह जीत गए। आरपीएन 1996 से 2009 तक पडरौना से कांग्रेस के विधायक रहे जबकि 2009 से 2014 तक सांसद रहे और 2009-2011 तक वह केंद्रीय सड़क , परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री रहे जबकि 2011-2013 तक केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कॉर्पोरेट मामले के राज्य मंत्री रहे।

आरपीएन के पिता इंदिरा के समय में थे रक्षा राज्यमंत्री

सिंह के पिता कुंवर सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी के समय रक्षा राज्यमंत्री थे। 1997 से 1999 तक सिंह युवा कांग्रेस उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष थे। 2003 से 2006 तक ऑल इंडिया कांग्रेस के सचिव रहे। उधर, 2009 में हुए पडरौना विधानसभा के उपचुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट से यहां से जीते। 2012 में भी मौर्य ने इसी सीट पर विजय पताका लहरायी।

2017 में मौर्य ने बीजेपी से यहां एक बार फिर दर्ज की जीत

2017 चुनाव से ठीक पहले मौर्य भाजपा में शामिल हो गए और यहां से तीसरी बार जीतने में कामयाब रहे। इस बार फिर मौर्य ने पाला बदल लिया है। अब वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस बीच भाजपा ने भी यहां आरपीएन सिंह के तौर पर नया चेहरा ढूंढ लिया है। भाजपा अगर आरपीएन सिंह को यहां से उतारती है तो पडरौना का मुकाबला काफी रोचक होगा।

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