Moradabad: सर्द रातों में आप खर्राटे ले रहे तो हो जाएं सावधान...ठंडी हवा और प्रदूषण से दिल पर बना अतिरिक्त दवाब

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। इन दिनों नींद के दौरान होने वाली सांस की दिक्कतों को हल्के में न लें। सर्दी और बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच खर्राटों की समस्या तेजी से बढ़ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 150 से 200 मरीज सांस से जुड़ी शिकायतों के साथ पहुंच रहे हैं। इसमें 15 से अधिक ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो रात को सोते समय खर्राटे ले रहे हैं और सुबह को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि तापमान गिरने से शरीर में वायु मार्ग संकुचित हो जाता है। साथ ही वातावरण में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है। इसका असर नींद के दौरान सांस लेने पर पड़ता है। इससे कई लोगों में खर्राटों की समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है। जिला अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय के अनुसार ठंड में नाक और गले की झिल्लियों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा वायरल संक्रमण, एलर्जी व स्मॉग मिलकर सांस की नली में वायु प्रवाह को और कम कर देते हैं। 

ऐसे में खर्राटे बढ़ जाते हैं। कई बार यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में बदल जाता है। इसमें नींद में सांस रुकने लगती है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग, अधिक वजन वाले लोग और दिल या फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इस मौसम में खासतौर पर सावधान रहने की जरूरत है। फिजिशियन डॉ. आशीष कुमार सिंह बताते हैं कि स्लीप एपनिया के मरीजों में बार-बार सांस रुकने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यह स्थिति लंबे समय तक रहने पर हाई बीपी, अनियमित धड़कन और दिल का दौरा पड़ने तक का खतरा बढ़ा सकता है।

ऐसे रखें ध्यान

- नाक खुली और शरीर को गर्म रखें।

- धूल, धुआं और स्मॉग से बचें, जरूरत हो तो मास्क पहनें।

- खर्राटों, सांस फूलने या नींद टूटने को नजरअंदाज न करें।

- वजन नियंत्रित रखें और सोने से पहले भारी भोजन न करें।

- समस्या बढ़ने पर तुरंत जांच कराएं ताकि दिल से जुड़ी जटिलताओं से बचाव हो सके।

 

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