काशीपुर: 28 वर्षों से विस्थापित परिवारों को नहीं मिल पाया है मालिकाना हक
काशीपुर, अमृत विचार। पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो से विस्थापित 284 परिवारों को 28 साल भी भूमि का मालिकाना हक नहीं मिलने पर विस्थापित परिवारों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। 14 फरवरी यानी सोमवार को इन परिवार के करीब 750 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया। ग्राम मानपुर, …
काशीपुर, अमृत विचार। पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो से विस्थापित 284 परिवारों को 28 साल भी भूमि का मालिकाना हक नहीं मिलने पर विस्थापित परिवारों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। 14 फरवरी यानी सोमवार को इन परिवार के करीब 750 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया।
ग्राम मानपुर, नई बस्ती निवासी 284 परिवार धारा, झिरना, कोठीरो गांव में अपनी वर्ग-एक क भूमि पर खेती कर जीवन निर्वाह कर रहे थे। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व ने वन बंदोबस्त के तहत इन परिवारों को काशीपुर के मानपुर, नई बस्ती में विस्थापित कर दिया। वर्ष 1994 में यहां आने के बाद उन्हें अपनी जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाया।
उनके गांव को राजस्व ग्राम तक घोषित नहीं किया गया। इसके चलते उन्हें बैंक ऋण, प्रमाणपत्र, मुआवजा राशि यहां तक की किसान सम्मान निधि तक नहीं मिल पा रही है। हर जगह गुहार लगाने के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं होने पर इन परिवारों ने सितंबर 2021 में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर घरों पर काले झंडे लगाने की भी चेतावनी दी थी।
इसके बाद इन विस्थापित परिवारों ने अपने घर की दीवारों पर चुनाव बहिष्कार के पोस्टर और काले झंडे लगा लिए थे। दिलीप सिंह रावत ने बताया कि जिन परिवारों को विस्थापित किया गया था, उनकी गांव में 272.872 हेक्टेयर जमीन थी। यहां मानपुर नई बस्ती में उन्हें 221.264 हेक्टेयर जमीन दी गई। वर्ष 2019-20 में एक सर्वे के बाद सात हेक्टेयर जमीन और कम कर दी गई। उन्हें यहां आते ही करीब 90 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
रावत ने बताया कि तीन महीने बाद यह विस्थापित परिवार दोबारा अपने गांव जाएंगे और वहां अपनी जमीन पर कब्जा करेंगे। उन्होंने बताया कि किसी भी परिवार के सदस्यों ने मतदान नहीं किया है। हरपाल सिंह ने बताया कि विस्थापित परिवारों को किसी भी प्रकार की सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है जिससे उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकार में है। तहसील में दस्तावेज रजिस्टर्ड नहीं होने के कारण लोन या कोई कृषि संबंधी यंत्र नहीं खरीद पा रहे हैं।
