अयोध्या: नवरात्र से खुलेगी सीता रसोई, मिलेगा नि:शुल्क भोजन
अयोध्या। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में एक बार फिर से सीता रसोई की शुरुआत करने का विचार किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो नवरात्र से भक्तों को प्रसाद के लिए सीता रसोई खोल दी जाएगी, जो प्रभु की इच्छा तक चलती रहेगी। इसमें भोजन पूरी तरह निशुल्क रहेगा। कोरोना …
अयोध्या। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में एक बार फिर से सीता रसोई की शुरुआत करने का विचार किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो नवरात्र से भक्तों को प्रसाद के लिए सीता रसोई खोल दी जाएगी, जो प्रभु की इच्छा तक चलती रहेगी। इसमें भोजन पूरी तरह निशुल्क रहेगा। कोरोना के कारण रसोई बंद कर दी गई थी।
राम मंदिर शिलापूजन के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है। आलम यह है कि हजारों-हजारों की संख्या में रामभक्त अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के अनुसार नवरात्र से सीता रसोई खोलने की योजना बनाई जा रही है। इस बार सीता रसोई रामकोट स्थित ट्रस्ट कार्यालय में शुरू करने की योजना है, जो आनंद भवन से सटा है। सीता रसोई की योजना को आगे बढ़ाने के लिए ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि रामलला के दर्शनार्थियों के लिए राम रसोई का संचालन निखिल तीर्थ ट्रस्ट की ओर से अमावा राम मंदिर में पहले से हो रहा है।
सीता रसोई का जानिए इतिहास
सीता की रसोई वास्तव में एक शाही रसोई घर नहीं बल्कि मंदिर है। यह मंदिर राम जन्म भूमि के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित है। इस मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न व उन सभी की पत्नियों सीता, उर्मिला, मांडवी और सुक्रिर्ति की मूर्ति लगी हुई हैं। इस रसोई में प्रतीकात्मक रसोई के बर्तन रखे हैं जिनमें रोलिंग प्लेट या चकला और बेलन रखे हैं। उस दौरान यह रिवाज हुआ करता था कि नव-वधू, पूरे परिवार के लिए शगुन के तौर पर खाना पकाती थी। हालांकि, विद्वानों को मानना है कि माता सीता ने अपने परिवार के लिए खाना नहीं बनाया था, लेकिन पूरी मानव जाति के लिए यह स्थल माता अन्नपूर्णा के समान है।
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